________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
- अननमः :
___ : मंगल कामना:(मुझे यह जानकर प्रसन्नता है कि. कैलास-पभ-स्वाध्यायसागर को द्वितीय भावृत्ति प्रकाशित लेनेजारही। "स्वाध्याय' संयमीजीपन का परम साथी एकरमाण मिनर। सम्म नाम के प्रकार में शक्ति अपने कार्य के परिणाम कोजानममतार अपनी विकृति को संस्कृतिक बाल मकताई। पासना से भागना में परिवर्तित करने की प्रतिमा भीमान ने द्वारा पिलन्योती साध्याय के माध्यम से आत्मचिंतन द्वारा मन के परिणाम काराधिकरण ताई। परिणाम शुदरोने परी सिद्ध बनानासार/ इस स्वाध्याय सागर का संकलन एवं संपादन निदान सुनिश्री पभरत्नसागरजीम. ने लिया!, र प्रशंसनीपर)। सभा किस उस्तक में परन- पारन बारा निमारमा विकास के पथपर सामीजीनन मामा में स्वयंमा पूर्णविराम माल करने के मोम बनेगे।
शुभेन:सादहीभरनधर्मशाला
पभसागरसूरि पालीता (गुजरात) दि. २३.१४-१५ तिसर
नतनवर्ष
For Private And Personal Use Only