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मेथे मंडाधिकार
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करना । ( इस तरह कुल तैतीस भाग उदयके जानना । ) उसके मध्य में लटकती बहुत ही कँडारी हुई पद्मशिला करना । ऐसे लक्षण युक्त वितानबज हमेशां तारा मंडल जैसा सुशोभित करना । १९ से २३.
(सुभद्र ३२तं
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पुष्पकोऽथ चतुषष्टि आधे द्वारा स्तंभा | पुष्पकाद् द्वौ द्वौ हीनाः स्युः मंडपाः सप्तविंशति ॥२४॥
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शत्रुमर्दन ઉધરસમ
ભા
हर्षण
સરનેમ
୯
श्यामद्र
IC સેમ
मानव उस्तंभ
फोटो
सिंहक
३६ स्तंभ
युष्य काहि मण्डपो.
સુત્રધર ३६ स्तंभ
सुग्रीव રઘો
नंदन ३०स्तंभ
कौली
ย धार्मिक
३८ स्तंभ
अभीशंकर ओशिय
पुष्पकादि २७ मंडप सरूप ( १ से १४ ) (१)
कर्णिकार
२० स्तंभ
विभान भद्र २६ स्तभ
T भूजय
विशालाक्ष्