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________________ अक्षरानुक्रमवार प्रथोना नाम. गुरुतत्मनिर्णय "" "" गुरुतत्व व्यवस्था गुरुतत्वसिद्धि गुरूपारतंत्र्यस्तव वृत्ति " गुरुपादुकास्तोत्र गुरुयमककाव्याष्टक (सं.) गुरुस्तुति गुर्वाराधना कुलक गुर्वावलीकुलक गुर्वावलीविशुद्धि 39 वृति वृति ( ज्ञानबिंदु )... गुर्वावली गुर्वावली (बीजी ) वृत्ति गोडीपार्श्वस्तोत्र गोत्रोद्धार (शतार्थवृति) गौतम कुलक लघुवृत्ति 33 गीतमपृच्छा वृति गौतमभाषित गौतमस्तोत्र ! - 464 543 *** JAB अनुक्रमणिका. पृष्ठांक. १०३ १०३ १०३ १७७ १७७ १७७ १७७ २७६ २७६ २१४ २०६ १९८ २१४ ૨૧૪ २१४ २१४ १०३-१७३ ३४३ १९८ १७७ १७७ १७७ २७६ ***** अक्षरानुक्रमवार ग्रंथोना नाम. गौतमीयमंत्र गृहस्थधर्म प्रतिपत्तfकुलक ( बीजुं ) १३ ग्रंथसारसमुच्चय प्रहदीपिका प्रहरत्नाकरकोष्टक घटखर्परवृत्ति घंटाकर्णकल्प चतुर्गतिस्वरूप कुलक चतुर्मासपर्वकथा चतुसंग्रह चतुर्विधधर्मविषये कथा चतुर्विंशति जिनचरित्र चतुर्विंशति जिनस्तवन (प्रा.) " घ. चतुर्विंशतिस्तुति अवचूरि चतुर्विंशति जिनस्तुति अवचूरि 33 33 चतुर्विंशति जिनस्तुति वृत्ति 22 400 : : : est :: ::: T २१ पृष्ठांक ३६६ १९८ १२९ ३५१ ३५.१ ३३४ ३६४ १९८ २६४ ३२५ २५१ २४६ २७६ २७६ २९७७ २७७ २५७ २.७७ 55: ÷७५
SR No.008418
Book TitleJain Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Catalogue
File Size7 MB
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