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________________ अनुक्रमणिका. अक्षरानुक्रमवार ग्रंथोना नाम. पृष्ठांक. अक्षरानुक्रमवार ग्रंथोना नाम. पृष्ठांक १२१ पद्मदेवीय क्षेत्रसमास वीरंजय क्षेत्रसमास » वृत्ति संस्कृत क्षेत्रसमास १२१ कृतपुण्यचरित्र कृष्णचरित्र कृष्णयुधिष्टिर धर्मगोष्टी केवली प्रकरण (ताड) केवलिमुक्तिस्त्रीमुक्तिप्रकरण " संग्रह श्लोक १२१ " वृत्ति सिरिनिलय क्षेत्रसमास वृत्ति लघुवृत्ति अवचूरि १२२ १२२ १२२ १२२ १२२ कौमुदी नाटक , क्षपकशिक्षा प्रकरण सिरिवीरजिणं क्षेत्रसमास १२२ क्षमणसूत्र मूळ ___ अवचूरि खरतरमतनिरूपणशास्त्र निधि ... क्षमर्षि प्रबंध (सं.) खरस्वर विचार ॥ क्षान्तिकुलक २५१ क्षामणाकुलक खापरिया कथा, खंडनमंडन खंडप्रशनि वृत्ति ८१ क्षुल्लक भवावलि प्रकरण " अवचूरि " वृत्ति ___ , वृत्ति (त्रीजी) ... १२० खेलवाडी . ३१४ १२० १२० १२० क्षेत्रसमास नमिउणक्षेत्रसमास... वृत्ति वृत्ति नमिउण सजल क्षेत्र समास वृत्ति वृत्ति वृत्ति वृत्ति नमित्तवीर क्षेत्रसमास १२० गगनधूलिका कथा गच्छसामाचारी गुच्छाचार . ६२ % ० १२० अवचूरि Mer'' 4 १२. वृत्ति १२०
SR No.008418
Book TitleJain Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Catalogue
File Size7 MB
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