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________________ जैनागम लिस्ट. बृहद्दिष्पाणि पाटण 121 10211 'Inelhir 10pm lab जैसलमेर लीबडी खंबात.। भावनगर. अमदावाद. अमदावाद कोडाय. रिमार्क. १३/१४/१५ ० खर ख. छ.छ. छछे छे छे छे छे छे छे छे छे! छे बहु शोध करतां पण अनी प्रत हाथ आवी नथी. डेकन कॉलेजना संग्रहमां पण ते मली नथी. फक्त नी तेनी टीपमा लखेली जणाय छे तो ते त्यां होवानो संभव छे, माटे सत्ररुचि शोधक जनाए, त्यां नाम गणवामां आवे छे. लख्यं छे तेथी एम अटकल थाय छे के वे भद्रबाहुस्वामिए रचेतुं हशे-छतां विचारामतसंग्रहमा गणि तो एना भाष्यकर्ता छे, माटे ए बाबत वधु तपास थवाथी नकी याय तेम छे. उपरथी लखे छे ते तपासवू जरूरनुं छे. अनुक्रमे श्लो. ३५००-४२००-४५४८ नी नोंधी छे, पण हालमा एनी हाचमाज डा. उद्धार करेलो छे. तेथी एना उद्धारकर्ता तरीके हरिभद्रसूरि नाम नोंध्युं छे. विक्रम संवत् ५२३ मा कारूदना समय अने हरिभद्रसूरिना स्वर्गवासमा समयना अंतरालमां आ सूत्रनो उद्धार थयो के.
SR No.008418
Book TitleJain Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Conference
PublisherJain Shwetambar Conference Mumbai
Publication Year
Total Pages504
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Catalogue
File Size7 MB
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