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जैनागम लिस्ट.
नाम.
| श्लोक. |
कर्ता.
रच्यानो संवत्.
४२०००
तपाक्षेमकीर्ति.
१३३२
वृत्ति लघुटीका.. नियुक्ति.'
६२५ भद्रबाहुस्वामि
व्यवहार
मूळ
३७३ भद्रबाहुस्वामि
भाष्य गा. ४६२९
चूर्णि
वृत्ति
१०३६० ३३६२५, मलयगिरि पत्र १४२
अवचूरि+ (लघुवृत्ति) दशाश्रुतस्कंध.
मूळ नियुक्ति गा. १४४
भद्रबाहु भद्रबाहु
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चूर्णि
२२२५
munmune-
वृत्ति
५१५० !
ब्रह्मर्षि
+ एमां आदिना श्लोक ४६०० मलयगिरिकृत छे अने पाकीना क्षेमकीर्तिकृत छे. + एना कर्ता कोण छे ते डेलावाली प्रत जोवाथी नक्की याय तेम छे.
मा दश नियुक्तिओनी गायामां कल्प तथा व्यवहारनी नियुक्ति गणावी छे, पण तेमांनी आ. हारनी नियुक्ति भाष्य भेगी होवो जोहये. ते शिवाय तेनी जूदी प्रत मली नथी, माटे शोधक जनोए
+ पाटणनी टीपमा अवचूरि लखेल छे ने हेलानी टीपमा लघुवृत्ति खेल छे, माटे ते एकज लोकसंख्या मेलवी जरूरनी छे.
कल्पसूत्र ए दशाश्रुतस्कंधनु आठमुं अध्ययन छे अने ते श्लोक १२१६ नुं गणाय छे, ते वामां आवनार होवाथी तेना श्लोक बाद करीने आ सूत्रनी श्लोक संख्या आपी छे.
ब्रह्मर्षि पार्श्वचंद्रना शिष्य हता अने तेणे विक्रम संवत् १६०० ना अरसामां आ टीका करी छे |
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