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जैन औपदेशिक
नबर.
नाम,
लोक कर्त्ता. नव्याः क्या छ ?
६ आरामशोमचरित्र(श्लोकबद्ध) पत्र २२| स्वर. जिनहर्ष ।
राधनपुर
হুমতি
२७५ उत्तमकुमारचरित्र ३३०, चारुचंद्रीय ९ उदायनराजचरित्र(श्लोकबद्ध) पत्र ४१
पा.३-४ डेक्कन. अ. २ डेकन.
अ.१
१० ऋषिदत्ताचरित्र A (प्रा.)| १५५०
गुणपाल
१२६४/ वृ. डेक्कन पेज १६४
যক্ষাঘষি B
| ६५०० देवमत्युपाध्याय
पत्र ६७०
कनकरथचरित्र १३| कनकावतीचरित्र
| अ.१
डेक्कन पेज ३६
पत्र ३५ जिनसूरि
__A आ चरित्र फक्त डेक्कन कॉलेजमां छे, वृटिप्पनिकाकारे नोध्यु छ पण तेने उपलब्ध थयु नथी. डेक्कन कॉलेजना रिपोर्टमा संवतमा विकल्प जणावेल होवाथी अमे पण बन्ने अंकोथी रचना समय दाव्यो छे.
B आ चरित्र वृहटिप्पनिकामा नोभ्युं छे. बाकी क्या पण उपलब्ध थयुं नथी. एना माटे ते टिप्पनिकामां " ११ गणधरच. सं. खरतरदेवमत्युपाध्यायीयं ६५०. " आवो नोध छे. एमां श्रीमहावीरस्वामिना गणधरोना चरित्र छे.
C आ कनकावती चरित्र प्राकृत तथा संस्कृत भाषामां रचायलुं छे. एम डेक्कन कॉलेजना रिपोर्टमा जणाव्युं छे, पण कतर्नुि नाम अपूर्ण लागे छ माटे तेमनुं पुरं नाम शुं छे ते जाणवा माटे तेनी प्रत तपांशी जोवानी जरूर रहे छे.