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परिशिष्ट
स्वपरसमानासमानसमानासमानविविधभावधारणात्मिका साधारणासाधारणसाधारणा साधारणधर्मत्वशक्तिः। विलक्षणानंतस्वभावभाविकभावलक्षणा अनंतधर्मत्वशक्तिः।
इसप्रकार स्वधर्मव्यापकत्वशक्ति का निरूपण करने के उपरान्त अब साधारण-असाधारणसाधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति का निरूपण करते हैं -
२६. साधारण-असाधारण-साधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति इस छब्बीसवीं साधारण-असाधारण-साधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति का स्वरूप आत्मख्याति में इसप्रकार स्पष्ट किया गया है -
स्व और पर - दोनों में परस्पर समान, असमान और समानासमान – ऐसे तीन प्रकार के भावों के धारण करनेरूप यह साधारण-असाधारण-साधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति है।
सामान्य गुणों को साधारण धर्म कहते हैं और विशेष गुणों को असाधारण धर्म कहते हैं और जिन धर्मों में सामान्यपना और विशेषपना - दोनों विशेषतायें प्राप्त हों; उन धर्मों को साधारणासाधारण धर्म कहते हैं।
सभी द्रव्यों में पाये जाने के कारण अस्तित्व, वस्तुत्व, द्रव्यत्व, प्रमेयत्व आदि गण या धर्म साधारण धर्म हैं। आत्मा से भिन्न पुद्गलादि पदार्थों में नहीं पाये जाने और केवल आत्मा में ही पाये जाने के कारण ज्ञान, दर्शन, सुखादि असाधारण धर्म हैं तथा मात्र पुद्गल में न पाये जानेवाला अमूर्तत्व पुद्गल का असाधारण धर्म और आत्मा, धर्मद्रव्य, अधर्मद्रव्य, आकाश और काल द्रव्यों में पाये जाने के कारण वह साधारण धर्म भी है; इसप्रकार अमूर्तत्व साधारणासाधारण धर्म है। ___ अस्तित्वादि साधारण, ज्ञानादि असाधारण और अमूर्तत्वादि साधारणासाधारण धर्म भगवान आत्मा में एकसाथ होने से यह आत्मा साधारण-असाधारण-साधारणासाधारणशक्ति से सम्पन्न है।
अस्तित्वादि गुण सभी द्रव्यों में पाये जाने के कारण साधारण, अकेले आत्मा में पाये जाने के कारण ज्ञानादि गुण असाधारण तथा सभी द्रव्यों में न पाये जाने और पाँच द्रव्यों में पाये जाने के कारण अमूर्तत्व साधारणासाधारण गुण है । इसप्रकार इस भगवान आत्मा में साधारण-असाधारणसाधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति है।
इसप्रकार साधारण-असाधारण-साधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति का निरूपण करने के उपरान्त अब अनंतधर्मत्वशक्ति का निरूपण करते हैं -
२७. अनंतधर्मत्वशक्ति इस सत्ताईसवीं अनंतधर्मत्वशक्ति का स्वरूप आत्मख्याति में इसप्रकार स्पष्ट किया गया है -
परस्पर भिन्न लक्षणोंवाले अनंत स्वभावों से भावित - ऐसा एक भाव है लक्षण जिसका - ऐसी अनंतधर्मत्वशक्ति है।
साधारण-असाधारण-साधारणासाधारणधर्मत्वशक्ति से यह बात तो स्पष्ट हो गई थी कि भगवान आत्मा में साधारण, असाधारण और साधारण-असाधारण - ये तीनप्रकार के धर्म (गुण)