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________________ श्री अखिल बंसल इस कृति के आद्य सम्पादक हैं। कृति के नवीन संस्करण के परिमार्जन तथा इसे आकर्षक कलेवर में प्रस्तुत करने में उनका विशेष योगदान रहा है; अतः हम उनके आभारी हैं। तत्त्वार्थसूत्र, भक्तामर एवं जिनेन्द्र वन्दना के समावेश से यह संकलन विशेष उपयोगी तो था ही, बाबू जुगलकिशोरजी 'युगल' कृत नीरव निर्झर तथा सिद्ध पूजन और श्री राजमलजी पवैया कृत प्रमुख पर्व पूजनों को सम्मिलित किये जाने से कृति की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गई है। पण्डित रतनचन्दजी भारिल्ल कृत जिनपूजन रहस्य को भी इसमें समाविष्ट कर इसे पूर्ण रूप से उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है। भक्ति खण्ड को भी पुनर्सम्पादित किया गया है। प्रत्येक पूजन को नये पृष्ठ से आरम्भ किया गया है तथा खाली स्थानों में महत्त्वपूर्ण भक्तियाँ दी गई हैं। भक्तियों को वर्गीकृत करके उनकी सूची भी अलग से दी गई है, अतः उनका उपयोग जिनेन्द्र भक्ति में सरलतापूर्वक किया जा सकता है। यद्यपि पूजनों, स्तवनों एवं जिनवाणी संग्रह की समाज में कमी नहीं है, फिर भी इस संकलन की अपनी एक अलग विशेषता है। यही कारण है कि समाज की प्रबल माँग निरन्तर बनी रहती है और इसकी पूर्ति में हमें लगभग हर वर्ष ही इसे प्रकाशित करना पड़ता है। अबतक यह कृति १ लाख ७२ हजार की संख्या में जन-जन तक पहुँच चुकी है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाती है। इस कृति को और अधिक उपयोगी बनाने हेतु आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं। आशा है, प्रस्तुत तेतीसवाँ संस्करण पाठकों को अधिकतम सन्तुष्ट करते हुए उनकी साधना में विशेष उपयोगी सिद्ध होगा । विमलकुमार जैन मंत्री विमल जैन ग्रन्थमाला प्रकाशन, दिल्ली ब्र. यशपाल जैन (एम.ए.) प्रकाशन मंत्री पं. टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर 3 विषय १. जिनपूजन रहस्य २. जिनेन्द्र वंदना ३. दर्शन पाठ ४. देवस्तुति (प्रभु पतितपावन...) ५. दर्शनस्तुति (अतिपुण्य उदय... ) ६. दर्शन स्तुति (सकलज्ञेय ...) ७. देव स्तुति (अहो जगत... ) ८. दर्शन दशक (देखे श्री जिनराज ... ) ९. दर्शन पाठ ( दर्शन श्री देवाधिदेव का... ) आराधना पाठ (मैं देव नित...) देव स्तुति ( वीतराग सर्वज्ञ हितंकर... ) १०. ११. १२. जलाभिषेक पाठ १३. प्रतिमा प्रक्षाल पाठ विनयपाठ विषय-सूची ( स्तवन खण्ड ) २८. श्री वर्तमान चौबीसी पूजन २९. सीमन्धर पूजन ३०. दशलक्षण धर्म पूजन ३१. सम्यक्रत्नत्रय धर्म पूजन ३२. सोलहकारण पूजन ३३. पंचमेरु पूजन ( पूजन खण्ड) लेखक पं. रतनचंद भारिल्ल डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल श्री बुधजन श्री अमरचन्दजी पं. दौलतरामजी पं. भूधरदासजी श्री साहिबराय जी श्री युगलजी पं. द्यानतराय १४. १५. पूजा पीठिका (संस्कृत) १६. पूजा पीठिका (हिन्दी) १७. स्वस्ति मंगल पाठ १८. देव शास्त्र-गुरु पूजन १९. देव शास्त्र-गुरु पूजन २०. देव शास्त्र-गुरु पूजन २२. २१. देव शास्त्र-गुरु पूजन समुच्चय पूजन २३. पंच परमेष्ठी पूजन २४. सिद्धपूजन २५. सिद्धपूजन २६. सिद्धपूजन २७. विदेहक्षेत्र स्थित विद्यमान बीस तीर्थंकर पूजन पण्डित द्यानतरायजी कविवर वृन्दावनदासजी डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल पण्डित द्यानतरायजी पण्डित द्यानतरायजी पण्डित द्यानतरायजी पण्डित द्यानतरायजी श्री हरजसरायजी पं. अभयकुमारजी पण्डित द्यानतरायजी श्री युगलजी डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल अखिल बंसल ब्र. सरदारमलजी श्री राजमलजी पवैया आचार्य पद्मनन्दि डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल श्री युगलजी पृष्ठ संख्या ९ ४९ ५४ ५५. ५६ ५७ ५९ ६०. ६३ ६४ ६५ ६६ ६९ ७२ ७४ ७८ ८० ८३ ८७ ९१ ९५ ९८ १०१ १०४ १०९ ११३ ११७ १२० १२३ १२७ १३३ १४१ १४४
SR No.008354
Book TitleJinendra Archana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAkhil Bansal
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year2007
Total Pages172
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, & Ritual
File Size552 KB
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