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________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates ७९. मुनि होने के बाद भगवान क्या करते थे ? ८०. भगवान का उपदेश सुनने के लिये कौन-कौन आया ? ८१. महावीर भगवान कहाँ से मोक्ष गये? ८२० इस समय महावीर भगवान अरिहंत हैं या सिद्ध ? ८३० वे इस समय कहाँ रहते होंगे ? ८४. सवेरे जल्दी उठकर तुम क्या करोगे ? ८५. अपने को प्रतिदिन क्या-क्या करना चाहिये ? ८६० एक माता अपने बालक को अच्छी-अच्छी शिक्षाएँ देती है, उसमें सबसे पहले क्या कहती है ? ८७. क्या हम जैन लोग रात्रि भोजन करेंगे ? ८८. तुम प्रतिदिन क्या करोगे ? ८९० तुम कभी क्या नहीं करोगे? ९०० आत्म-भावना भाने से क्या मिलता है ? ९१. 'सहजानन्दी शुद्ध स्वरूपी अविनाशी'--यह कौन है ? ९२. हमारे देव कौन हैं ? ९३० देह और जीव में अमर कौन हैं ? ९४. 'वन्दन हमारा'०००में तुम किस-किसको वन्दन करते हो ? ९५० आत्मदेव कैसा है ? [ पाठ २६ की कविता] ९६० एक बालक क्या देखना चाहता है ? ९७. आत्मा आँखसे दिखायी देता है या नहीं? ९८० आत्मा किससे दिखायी देता है ? ९९. जन्म बिनाका, मरण बिनाका ०००d[ आगे क्या है ? ] १००० आप ही प्रभु हैं, आप ही सिद्ध००००० [ पूर्ण कीजिये] १०१. तुम्हें किसका दर्शन करना है ? १०२० तुम्हें किसकी सेवा करनी है ? १०३० तुम्हें क्या करना अच्छा लगता है ? १०४. तुम्हें किससे छूटना है ? १०५० तुम्हें झट-झट कहाँ जाना है ? १०६० तुम प्रतिदिन धर्म का अध्ययन करते हो या नहीं ? १०७. तुम्हारी माता तुम्हें धर्मकी कहानियाँ सुनाती हैं या नहीं ? १०८. तुम प्रतिदिन भगवान का दर्शन करते हो या नहीं ? Please inform us of any errors on [email protected]
SR No.008248
Book TitleJain Balpothi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarilal Jain
PublisherDigambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publication Year
Total Pages48
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Education, & Religion
File Size2 MB
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