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कालावधि
७०-७१ भावावधि
७२-७३ मनःपयव ज्ञान
७४-८९ मनपर्यव ज्ञानना बे भेदः ऋजुमति-विमलमति द्रव्यमनःपर्यव
७५ क्षेत्रमनःपर्यष
७६-८१ कालमनःपर्यव
८२-८३ भावमनःपर्यव
८४-८५ 'मनःपर्यव ज्ञान 'नो विषय
८६-८८ ऋजुमति-विपुलमति केवलज्ञान केवलज्ञान- स्वरूप
९०-१०४ केवलज्ञानिमां मति वगेरे ज्ञाननो अभाव आदि १०५-९ परोक्षागमव्यवहारी
११०-१६ "प्रायश्चित्त' नी न्यूनता-अधिकता संबंधी पृच्छा अने उत्तर
११७-२४ प्रायश्चित्तदानयोग्य
१२५-३१ आलोचनाश्रवणनो क्रम
१३२.४८ प्रायश्चित्त देनारनी योग्यता अयोग्यता
__ संबंधी विचार प्रायश्चित्तनां अढार स्थानो
१४९-५४ प्रायश्चित्तनां बत्रीश स्थानो
१५५-६० आठ संपदा
१६१-६२ चार प्रकारनी आचारसंपदा चार प्रकारनी श्रुतसंपदा
१६७-७० चार प्रकारनी शरीरसंपदा
१७१-७४ चार प्रकारनी वचनसंपदा
१७५-७८ चार प्रकारनी वाचनासंपदा
१७९-८४ चार प्रकारनी मतिसंपदा
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