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On hearing these proud words of Jamali, Ganadhara Mahārăja Indrabhâti Gautama - the chief Ganadhara of śramana Bhagavana Mahavira,-addressing Jamali said:-Jamali! What do you understand by Kèvala Jnana and Kèvala Darśana? Know that Kévala Jnāna, as well as, Kévala Darśance is a radiance of Blissful Light which spreads its brilliance as far as Loka (the Universe) and A-loka (beyond the Universe) Its all-pervading light is not obstructed neither by rivers, nor by oceans, nor by जाव चइत्ता चउत्थे सन्निगन्मे जीवे पच्चायाति, से णं तओहिंतो अणंतर उच्चट्टित्ता मज्झिले माणुसुत्तरे संजूहे देवे .उववज्जति, से णं तत्थ दिव्वाई भोग जाव चहत्ता पंचमे सन्निगन्भे जीवे पश्चायाति से पं तओहितो अणंतर उबद्वित्ता हिटिल्ले माणुसोत्तरे संजूहे देवे उववज्जति, से णं तत्य दिव्वाइं मोग जाव चइत्ता छट्टे सन्निगब्भे जीवे पञ्चायाति, से णं तओहितो अणंतर उववट्टित्ता बंभलोगे नाम से कप्पे पन्नत्ते पाईणपडीणायते उदीणदाहिणविच्छिन्ने जहा ठगणपदे जाव पंच बडे सगापं, तं जहा-असोगवटेंसए जाव पडिरूवा, से णं तत्थ देवे उनवज्जइ, से णं तत्थ दस सागरोचमाई दिव्वाई भोग जाव चइत्ता सत्तमे सन्निगब्भे जीवे पञ्चायाति, से णं तत्य नवण्डं मासाणं बहुपडिपुन्नाणं अद्रमाण जाव वीतिकंताण सुकुमाळ गभद्धलए मिउकुंडलकुंचियकेसए मट्टगंडतलकन्नपीढए देवकुमाहसप्पमए दारए पयायति, से णं अहं कासवा ! तेण अहं आउसो ! कासवा ! कोगारियपन्चज्जाए कोमारएणं बंभचेरवासेणं अविद्धकन्नए चेव सखाण पडिलमामि सं. २ इमे सत्त पट्टपरिहारे परिहामि, तं जहा-एणेज्जगस्स, मल्लरामस्स, मल्लमंडियस्स, रोहस्स, भारदाइस्स, अज्जुणस्स. गोयमपुत्तस्स, गोसालस्स मंखलिपुत्तस्स, तत्थ ण जे से पढमे पउट्रपरिहारे से ण रायगिहस्स नगरस्स बहिया मंडियकुच्छिंसि चेइयंसि उदाइस्स कुंडियायणस्स सरीर विप्पजहामि उदा० २ एणेज्जस्स सरीरगं अणुप्पविसामि एणे० २ बावीसं वासाइं पदम पउट्परिहार परिहामि, तत्थ णजे से दोच्चे पउट्टपरिहारे से उइंडपुरस्स
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