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कप्पसुयस्स सद्दकोसो
१/४७
वागरण (व्याकरण) ३/२३,२४ विभत्त (विभक्त) २/२३ वाय (वाद)
६/२
विभावित्तए (विभावयितुम्)३/२३ वावड (व्याप्त) ३/३१
वियड (विकट,विकृत) २/५ वासावास (वर्षावास) १/३५, २/३, १०, . वियडगिह (विकटगृह) २/११,१२
४/२६, ३३/३४, वियर (वि + तृ)- वियरेज्जा४/१६
वियारभूमि (विचारभूमि) १/३९, ४१, ४५, वाहिय (व्याधित) ३/२२
४६, ४/१६ वि (अपि)
१/३७
वियाल (विकाल) १/४२ से ४६, विइकिण्ण (व्यतिकीर्ण) २/१,२,८,९
५/२५, ५/१०, विउट्ट (वि + कुट्ट)
१३, १४ विउट्टेज्जा
४/२६
विलिंपित्तए (विलेपयितुम्) ५/३८ विउवित्ता (विकृत्य) ५/१
विसम (विषम) विओसवित्ता (व्यवशाम्य) १/३४
विसय (विषय) विओसविय (व्यवशमित) ६/१
विसोह (वि + शोधय)विओसवियपाहुड
विसोहेज्जा
४/२६ (व्यवशमितप्राभृत) १/३४, ४/७ विसोहण (विशोधन) ४/२७ विक्खिण्ण (विकीर्ण) २/१,२,८,९ विसोहिया (विशोध्य) ५/११ विगइपडिबद्ध
विसोहेत्तए (विशोधयितुम्) ५/११ (विकृतिप्रतिबद्ध) ४/६,७ विसोहेमाण (विशोधयत्) ५/६ से १०, १३, विगिचण (विवेचन) ४/२७
१४, ६/३ से ६ विगिंचमाण (विविञ्चत्) ५/६ से १०,१३,१४ विहर (वि + हृ)- विहरइ ३/१३ विगिंचित्तए (विवेक्तुम्) ५/११
विहरित्तए (विहर्तुम्) ४/१६ विणीय (विनीत) ४/७
विहारभूमि (विहारभूमि) १/३९ वितिगिच्छा (विचिकित्सा)५/७,९ विहिभिन्न (विधिभिन्न) १/५ विप्पइण्ण (विप्रकीर्ण) ९
वीरासणिय (वीरासनिक) ५/२३ विप्पकिण्ण (विप्रकीर्ण) २/१,२,८
वीसुंभ (दे.)- वीसुंभेज्जा ४/२५ विप्पजहा (वि + प्र + हा)
वीहि (व्रीहि) विप्पजहंति ३/२८
वुग्गाहिय (व्युद्ग्राहित) ४/८ विप्पणस (वि+प्र + नश्)
वेंटय (वृन्तक) ५/३० से ३३ विप्पणसेज्जा
३/२७
वेयावच्चकर
२/१