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________________ पढमं परिसिहं तीर (तीर) तुट्टावण (त्वग्वर्तापन) तुयट्टित्तए (त्वग्वर्तितुम्) तेणिय (स्तैन्य) तेल्ल (तैल) थंडिल (स्थण्डिल) थल (स्थल) थूणा (स्थूणा थेर (स्थविर) थेरकप्पट्ठिति (स्थविरकल्पस्थिति) दंसण (दर्शन) दक्खिण (दक्षिण) थ दग (दक) दगमट्टिया (दकमृत्तिका) दलमाण (ददत्) दवावेत्तए (दापयितुम्) दहि (दधि) द दंडासणिया (दण्डासनिका) ५/२३ १/४७ १९/४७ १/१९, ५/१२ ४/३१ से ३४ १/१९ ४/३१ १/१९ ४/३ २/८, ५/३९ दादा)- इ दाउं (दातुम्) दारुदंडय (दारुदण्डक) दाव (दापय्)- दावए दासवाय (दासवाद) दित्तचित्त (दृप्तचित्त) दिप्प (दीप)- दिप्पेज्जा दीवेत्ता (दीपयित्वा) ४/१२ से १४ ४/३० १/४७ ३/१३,२२, ४/१६, ५/४० ६/२० ४/३,१२,१३, ५/६ से ९ ४/२७ २/८ २/२४ ४/१४ ५/३४,३५ २/१८ ६/२ ६/११ २/७ ४/२२ दु (द्वि) दुक्खत्तो (द्विस् दुग्ग (दुर्ग) दुट्ठ (दुष्ट) दुब्बल(दुर्बल) दुस्सन्नप्प (दुःसञ्ज्ञाप्य) दुहओ (द्विधा) दूइज्जित्तए (द्रवितुम्) देव (देव) देवी (देवी) दो (द्वि) दोच्च (द्वितीय) दोच्चसमोसरण (द्वितीयसमवसरण) दो (द्रोणमुख धम्मजागरिया (धर्मजागरिका) धम्मविणय (धर्मविनय) धारित्तए (धारयितुम्) धूया (दुहितृ) धोय (धौत) ध न (न) नगर (नगर) नवणीय (नवनीत) नाण (ज्ञान) नाम (नामन्) न २/४ ४/२९,३० ६/७ ४/२,८ ३/२२, ४/२८ ४/९ १/३७, २/१७, ३/३३ ४/२६ ५/१,४ ५/२,३ १/७ १/३८ से ४१, ३/२७,३१, ५/५,४१ ३/१७ १/६ १०१९ १/१९ ४/१९ से २१ १/१६ ४/११ १/४३ १/३४ १/६ २/८, ५/३९ १/४७ १/४७
SR No.007788
Book TitleKappasuttam Vhas Vises Chunni Sahiyam Part 03
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami, Sanghdasgani Kshamashraman
Author
PublisherShubhabhilasha Trust
Publication Year2016
Total Pages314
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bruhatkalpa
File Size6 MB
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