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Dravyasamgraha
दव्वपरिवट्टरूवो जो सो कालो हवेइ ववहारो । परिणामादीलक्खो वट्टणलक्खो य परमट्ठो ॥
(21)
गाथा भावार्थ - जो द्रव्यों के परिवर्तन-रूप, परिणाम-रूप देखा जाता है वह तो व्यवहार-काल है और वर्तना लक्षण का धारक जो काल है, वह निश्चय-काल है।
21. Conventional time (vyavahāra kāla) is perceived by the senses through the transformations and modifications of substances. Real time (niscaya kāla), however, is the cause of imperceptible, minute changes (called vartanā) that go on incessantly in all substances.
लोयायासपदेसे इक्केक्के जे छिया हु इक्केक्का । रयणाणं रासीमिव ते कालाणू असंखदव्वाणि ॥
(22)
गाथा भावार्थ - जो लोकाकाश के एक-एक प्रदेश पर रत्नों की राशि के समान परस्पर भिन्न होकर एक-एक स्थित हैं, वे कालाणु हैं; और वे कालाणु असंख्यात हैं।
22. Real time (niscaya kāla) is of the extent of space-points of the universe, pervading the entire universe. Each particle or unit of Real time is distinct and occupies one unit of space; these innumerable particles of Real time, thus, exist in the entire universe (lokākāśa), like heaps of jewels.
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