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four kudabs make one prasthak, four prasthaks make one adhak, four adhaks make one dron, sixty adhaks make one smallest kumbh (pitcher or pot), eighty adhaks make one medium kumbh, one hundred adhaks make one largest kumbh, and eight hundred adhaks make one baha (one cart load). ३१९. एएणं धण्णमाणप्पमाणेणं किं पयोयणं ?
एएणं धण्णमाणप्पमाणेणं मुत्तोली-मुरव-इड्डर-अलिंद-अपवारिसंसियाणं धण्णाणं धण्णमाणप्पमाणनिवित्तिलक्खणं भवति। से तं धण्णमाणप्पमाणे। __३१९. (प्र.) इस धान्यमानप्रमाण का प्रयोजन क्या है?
(उ.) इस धान्यमानप्रमाण के द्वारा धान्य का माप होता है। इससे मुक्तोली, o मुरव, इड्डर, अलिंद, अपचारि आदि में रखे धान्य के प्रमाण का ज्ञान होता है। यह * धान्यप्रमाण है।
विवेचन-जिससे धान्य आदि ठोस पदार्थ का माप होता है वह धान्यमानप्रमाण है। असृति, प्रसृति आदि प्राचीन मगध देश में प्रचलित माप थे। असृति धान्यादि ठोस वस्तुओं के मापने की आद्य इकाई है। प्रसृति आदि मापों की उत्पत्ति का मूल भी यह असृति है।
टीकाकार के अनुसार उल्टी हथेली रखकर मुट्ठी मे जितना धान्य समा जाये उसे एक असृति कहते " है। वर्तमान में एक असृति या एक पल, लगभग चार तोला अर्थात् ०.०५ सेर अर्थात् ४६.६४ ग्राम * वजन के बराबर होता है। एक द्रोण धान्य मे लगभग १ मन ११.२० सेर या ४७.४५ किलोग्राम वजन
माना जाता है। ___उस समय मे धान्य के प्रचलित भंडारण स्थान इस प्रकार है
मुक्तोली-ऐसी कोठी जो खड़े मृदग के आकार जैसी ऊपर-नीचे सॅकडी और मध्य में कुछ विस्तृत, चौडी होती है।
मुरव-सूत का बना हुआ बडा बोरा, जिसे कही-कहीं ‘फट्ट' भी कहते है और उसमें भरकर बेचने के लिए मण्डियो, बाजारो मे लाया जाता है।
इडर-यह बकरी आदि के बालो, सूत या सुतली की बनी हुई होती है और इसमें अनाज भरकर पीठ पर लादकर लाते हैं। कही-कही इसे गुण, गोन, कोथला या बोरा भी कहते है।
अलिंद-अनाज को भरकर लाने का बर्तन, पात्र, डलिया, कुंडा आदि।
प्रमाण-प्रकरण
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The Discussion on Pramana
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