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a (skandh) of countable space-points, an aggregate (skandh) of
uncountable space-points and an aggregate (skandh) of infinite space-points.
This concludes the description of Pradesh nishpanna dravya pramana (space-point related standard of physical measurement).
Elaboration—'Pradesh' means the fraction of space that is occupied by a single paramanu (ultimate-particle) but this ultimate-particle is not separated from space. In this space-point related standard of measurement the substance and the measure are not different. The inseparable portion of the substance is the measure. For example, the space that is occupied by one paramanu (ultimate-particle), the space that is occupied by two paramanus and so on.
Where the substance and the measure are different it is called fragmentary standard of measurement. For example, 40 Seers make a Maund, 100 kilograms make a quintal. (२) विभागनिष्पन्नद्रव्यप्रमाण
३१६. से किं तं विभागनिफण्णे ?
विभागनिप्फण्णे पंचविहे पण्णत्ते। तं जहा-१. माणे, २. उम्माणे, ३. ओमाणे, ४. गणिमे, ५. पडिमाणे।
३१६. (प्र.) विभागनिष्पन्नद्रव्यप्रमाण क्या है ? ।
(उ.) विभागनिष्पन्नद्रव्यप्रमाण के ' पाँच प्रकार हैं, जैसे-(१) मानप्रमाण, ॐ (२) उन्मानप्रमाण, (३) अवमानप्रमाण, (४) गणिमप्रमाण, और (५) प्रतिमानप्रमाण।
विवेचन-विभागनिष्पन्न द्रव्यप्रमाण के पॉचों प्रकारों के अर्थ इस प्रकार हैं
(१) मान-जिससे तेल आदि तरल पदार्थों तथा धान्य आदि ठोस पदार्थों का माप किया जाय वह पात्र विशेष 'मान' कहा जाता है।
(२) उन्मान-वजन तोलने की तराजू आदि। (३) अवमान-लम्बाई, चौडाई तथा गहराई मापने के दण्ड, गज आदि। (४) गणिम-जिसमे एक, दो, तीन आदि गणना (गिनती) की जाये। (५) प्रतिमान-जिसके द्वारा स्वर्ण आदि मूल्यवान वस्तुओं का वजन किया जाये।
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
(54)
Illustrated Anuyogadvar Sutra-2
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