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(च) समीपनाम
३०७. से किं तं समीवनामे ?
समीवनामे-गिरिस्स समीवे णगरं गिरिणगरं, विदिसाए समीवे णगरं वेदिसं, बेनाए समीवे णगरं बेनायडं, तगराए समीवे णगरं तगरायडं। से तं समीवनामे।
३०७. (प्र.) समीपनाम क्या है? __(उ.) समीपनाम-(निकटता के कारण प्रसिद्ध होने वाले के नाम) इस प्रकार हैं-गिरि के समीप का नगर गिरिनगर, विदिशा के समीप का नगर वैदिश (वर्तमान में विदिशा मध्य प्रदेश में है), वेन्ना (नदी) के समीप का नगर वेन्नातट (वैत्र) दक्षिणापथ में कृष्णा और वेणा नदियों के आसपास का प्रदेश, तगरा के समीप का नगर तगरातट (तागर)। ये समीपनाम के उदाहरण हैं। (E) SAMEEP NAAM
307. (Q.) What is this Sameep naam (name associated with proximity)?
(Ans.) The (examples of) Sameep naam (name associated with proximity) are as follows—A nagar (town) in proximity of a giri (hill) is Girinagar, a nagar (town) in proximity of Vidisha (name of a city now in Madhya Pradesh) is Vaidish, a nagar (town) in proximity of Vena river (a river in South India) is Vennatat (literally means on the banks of river Vena), a nagar (town) in proximity of Tagara river is Tagaratat.
This concludes the description of Sameep naam or name associated with proximity. (छ) संयूथनाम __ ३०८. से किं तं संजूहनामे ? ___ संजूहनामे-तरंगवतिकारे मलयवतिकारे अत्ताणुसट्टिकारे बिन्दुकारे। से तं संजूहनामे।
३०८. (प्र.) संयूथनाम क्या है ?
(उ.) संयूथ (ग्रन्थ रचना) से प्रसिद्धि पाने वाला नाम, जैसे-तरंगवतीकार (ईसा की दूसरी शताब्दी में राजा सातवाहन के काल में आचार्य पादलिप्तसूरि ने तरंगवती की रचना
सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र-२
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Illustrated Anuyogadvar Sutra
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