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________________ (३) सक्करपभापुढविणेरइयाणं भंते ! केवतिकालं ठिती पं. ? गो. जहन्नेणं - सागरोवमं उक्कोसेणं तिणि सागरोवमाई। (३) (प्र.) भगवन् । शर्कराप्रभापृथ्वी के नारकों की स्थिति कितनी है ? * (उ.) गौतम ! (सामान्य रूप मे) शर्कराप्रभापृथ्वी के नारको की जघन्य स्थिति एक सागरोपम और उत्कृष्ट तीन सागरोपम प्रमाण कही है। (3) (Q.) Bhante! What is the duration of the sthitt (life-span) of the infernal beings of the Sharkaraprabha land (the second hell)? ___(Ans.) Gautam ! The minimun life-span is one Sagaropam and the maximum is three Sagaropam. (४) एवं सेसपहासु वि पुच्छा भाणियबा-वालुयपभापुढविणेरइयाणं जह. तिण्णि सागरोवमाइं, उक्कोसेणं सत्त सागरोवमाई। पंकपभापुढविनेरइयाणं जह. सत्त सागरोवमाइं, उक्कोसेणं दस सागरोवमाई।। धूमप्पभापुढविनेरइयाणं जह. दस सागरोवमाइं, उक्कोसेणं सत्तरस सागरोवमाई। तमपुढविनेरइयाणं भंते ! केवतिकालं ठिती पन्नत्ता ? गो. ! जहन्नेणं सत्तरस सागरोवमाइं, उक्कोसेणं वावीसं सागरोवमाइं। तमतमापुढविनेरइयाणं भंते ! केवतिकालं ठिती पन्नत्ता ? गो. ! जहन्नेणं बावीसं सागरोवमाई, उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाई। (४) इसी प्रकार के प्रश्न शेष पृथ्वियो के विषय मे भी पूछना चाहिए। जिनके उत्तर क्रमशः इस प्रकार हैं बालुकाप्रभा नामक तीसरी पृथ्वी के नैरयिको की जघन्य स्थिति तीन सागरोपम की और उत्कृष्ट स्थिति सात सागरोपम की है। ___पकप्रभा (चतुर्थ) पृथ्वी के नारको की जघन्य स्थिति सात सागरोपम और उत्कृष्ट की स्थिति दस सागरोपम की है। ___ धूमप्रभा (नामक पचम) पृथ्वी के नारकों की जघन्य स्थिति दस सागरोपम और उत्कृष्ट स्थिति सत्रह सागरोपम की है। (प्र.) भगवन् । तमःप्रभा (छठी) पृथ्वी के नारकों की स्थिति कितने काल की है ? । ॐ आयुस्थिति-प्रकरण (173) The Discussion on Life-Span Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.007656
Book TitleAgam 32 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorAryarakshit
AuthorAmarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2001
Total Pages627
LanguagePrakrit, English, Hindi
ClassificationBook_English, Book_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, Conduct, & agam_anuyogdwar
File Size21 MB
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