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२५५. (प्रश्न ४) औदयिक-क्षायिक-क्षयोपशमनिष्पन्न भाव क्या है ?
(उत्तर) मनुष्यगति औदयिक, क्षायिक सम्यक्त्व क्षायिकभाव और इन्द्रियाँ क्षायोपशमिकभाव यह औदयिक-क्षायिक-क्षायोपशमिकनिष्पन्न भाव है।
(Question 4) Which is this state produced by combination of audayik-bhaava, kshayik-bhaava, and kshayopashamik-bhaava ?
(Answer) Birth as a human being is (a consequence of) audayik-bhaava, kshayik samyaktva is (a consequence of) kshayik-bhaava, and sense organs are (a consequence of) kshayopashamik-bhaava. This is audayik-kshayikkshayopashamik-bhaava (culminated, extinct and extinctcum-pacified state).
(५) कयरे से णामे उदइए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ?
उदए त्ति मणूसे खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उदइए खइए पारिणामियनिप्पन्ने।
२५५. (प्रश्न ५) औदयिक-क्षायिक-पारिणामिकनिष्पन्न भाव क्या है ?
(उत्तर) मनुष्यगति औदयिकभाव, क्षायिक सम्यक्त्व क्षायिकभाव और जीवत्व पारिणामिकभाव इस प्रकार औदयिक-क्षायिक-पारिणामिकनिष्पन्न भाव का स्वरूप है।
(Question 5) Which is this state produced by combination of audayik-bhaava, kshayik-bhaava, and parinamik-bhaava ?
(Answer) Birth as a human being is (a consequence of) audayik-bhaava, kshayik samyaktva is (a consequence of) kshayik-bhaava, and soul is (a consequence of) parinamikbhaava. This is audayik-kshayik-parinamik-bhaava (culminated, extinct and transformed state). (६) कयरे से णामे उदइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ?
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भाव प्रकरण
The Discussion on Bhaava
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