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(२) णेगम-ववहाराणं अणाणुपुविदव्वाणं अंतरं कालतो केवचिरं होति ?
एगदव्यं पडुच्च जहण्णेणं दो समया उक्कोसेणं असंखेज्जं काल, णाणादव्वाई पुडुच्च णत्थि अंतरं।
१९६. (प्रश्न २) काल की अपेक्षा नैगम और व्यवहारनयसम्मत अनानुपूर्वी द्रव्यों का अन्तर कितने समय का होता है ?
(उत्तर) एक द्रव्य की अपेक्षा जघन्य अन्तर दो समय का और उत्कृष्ट असंख्यात काल का है। अनेक द्रव्यों की अपेक्षा अन्तर नहीं है। ___196. (Question 2) In context of time, what is the antar (intervening period between loosing the present form and regaining it) in case of naigam-vyavahar naya sammat ananupurvi dravya (non-sequential substances conforming to coordinated and particularized viewpoints)?
(Answer) With respect to a single ananupurvi (nonsequential) substance this period is a minimum of two samaya and maximum of immeasurable time. However with respect to many ananupurvi (non-sequential) substances this antar does not exist.
(३) णेगम-ववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाणं पुच्छा।
एगदव्वं पुडुच्च जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेनं कालं, णाणादव्वाइं पडुच्च पत्थि अंतरं।
१९६. (प्रश्न ३) अनानुपूर्वीद्रव्यों की तरह नैगम-व्यवहारनयसम्मत अवक्तव्यकद्रव्यों के विषय में भी प्रश्न है।
(उत्तर) एक द्रव्य की अपेक्षा अवक्तव्यकद्रव्यों का अन्तर एक समय का और उत्कृष्ट असंख्यात काल प्रमाण है। अनेक द्रव्यों की अपेक्षा अन्तर नहीं है।
196. (Question 3) Same question for naigam-vyavahar naya sammat avaktavya dravya (inexpressible substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) ? आनुपूर्वी प्रकरण
( २८३ )
The Discussion on Anupurvi
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