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(inexpressible substances conforming to coordinated and particularized viewpoints) exist (in the same configuration)?
(Answer) With respect to a single avaktavya (inexpressible) substance they exist in the same form for two samaya without any variation of minimum and maximum. With respect to many avaktavya (inexpressible) substances as a rule they exist always.
विवेचन-एक आनुपूर्वीद्रव्य की जघन्य स्थिति तीन समय और उत्कृष्ट स्थिति असंख्यात समय की बताने का कारण यह है कि आनुपूर्वीद्रव्यों में तीन समय की स्थिति वाले द्रव्य सबसे कम हैं और वे तीन समय तक ही आनुपूर्वी के रूप में रहते हैं। इसलिए एकवचनान्त आनुपूर्वी द्रव्यों की जघन्य स्थिति तीन समय प्रमाण कही है और असंख्यात समय की स्थिति कहने का कारण यह है कि वह द्रव्य असंख्यात काल के बाद आनुपूर्वी रूप में रहता ही नहीं है। ___ नाना आनुपूर्वीद्रव्यों की अपेक्षा स्थिति सर्वकालिक इसलिए है कि नाना आनुपूर्वी द्रव्यों का सदैव सद्भाव रहता है। __ एक-एक अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्य की स्थिति मात्र क्रमशः एक समय और दो समय प्रमाण होने से इन दोनों के विषय में जघन्य और उत्कृष्ट की अपेक्षा विचार किया जाना सम्भव नहीं होने से अजघन्य और अनुत्कृष्ट काल स्थिति एक और दो समय की बतलाई है। नाना अनानुपूर्वी और अवक्तव्यक द्रव्य सर्वकाल में सम्भव होने से उनकी स्थिति सर्वकाल प्रमाण है।
Elaboration—The reason for stating that the existence of single anupurvi (sequential) substance is minimum three samayas and maximum of uncountable time is that among anupurvi (sequential) substances the number of those having three samaya existence is minimum and they exist in the anupurvi (sequential) form just for three samayas. Therefore the minimum period of existence has been stated as three samaya. The anupurvi substances have greater period of existence as well, but in no case they can exist as anupurvi (sequential) substance beyond uncountable samayas. Therefore the
maximum period has been stated as uncountable samayas. में आनुपूर्वी प्रकरण
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The Discussion on Anupurvi
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