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कल्पना करें चार द्रव्य हैं
एकप्रदेशी (*)
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(अ) अनानुपूर्वी ( एक प्रदेशी परमाणु) द्रव्य - उपर्युक्त द्रव्यों के भेद से द्रव्यानुपूर्वी के अनानुपूर्वी द्रव्य दस बनेंगे
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द्रव्यों का अल्प - बहुत्व स्थापना यंत्र
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द्विप्रदेशी (**)
(9)*
(9)*(9) * (9) * (9) * (9) * (9)* (9) * (9) * (9) * (१०) - अधिकतम दस सम्भाव्यताएँ
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(ब) अवक्तव्य (द्विप्रदेशी) द्रव्य - इन्हीं द्रव्यों को यदि संघात और भेद से स्थापित किया जाये तो अवक्तव्य द्रव्य पाँच बनेंगे
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पूर्वी प्रकरण
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(9+9)** (9+9)** (9+9)** (9+9)** (9+9)** = (१०) - अधिकतम पाँच सम्भाव्यताएँ
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(स) आनुपूर्वी ( त्रिप्रदेशी स्कन्ध आदि) द्रव्य - इन्हीं द्रव्यों के विविध प्रकार के संघात और भेदों से आनुपूर्वी द्रव्य चौदह बनेंगे
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(i) (9)+(9+9)* ** = (१०) – ३ सम्भाव्यताएँ (ii) (9+9)+(9+9) **
= (१०) – २ सम्भाव्यताएँ (iii) (१+१+१)+(9+9) *** = (१०)–२ सम्भाव्यताएँ
त्रिप्रदेशी (***)
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(9+9)+(9) **
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चतुष्प्रदेशी (****)
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(9+9)+(9+9)+(9+9) ** ****
( १९५ )
(9+9+9)+(9) ***
(9+9)+(9)+(9+9) **
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The Discussion on Anupurvi
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