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roy was the Medhi (pillar) amongst all (Medhi is the thrashing poster
around which the bullock move and rub the harvested crops). His song words were considered final. He was the base for all just as earth is for all beings. He was guide like the eye. He was respected in all matters-treaty of peace on declaration of war. He was well treated by all. Everyone consulted him. He was administrator of the state like the centre of a wheel. He looked into all the affairs of the state. He always looked into the welfare, religious affairs, social matters et and national matters.
विवेचन-इस वर्णन से यह प्रतीत होता है कि चित्त सारथी अतिनिपुण, राजनीतिज्ञ, राज्य-व्यवस्था करने में प्रवीण एव अत्यन्त बुद्धिशाली था। उसे औत्पत्तिकी आदि चार प्रकार की बुद्धियों से युक्त बताया है। इन चार प्रकार की बुद्धियो का स्वरूप सचित्र नन्दीसूत्र मे विस्तार से आया है।
Elaboration—This description indicates that Chitta Saarthi was very intelligent in administration and in home affairs. He has been shown as he possessing all the four types of intelligencemnamely replying immediates to the queries and others. The details about four types of the intelligence is mentioned comprehensively in Illustrated Nandi Sutra. कुणाला जनपद, श्रावस्ती नगरी, राजा जितशत्रु __ २१०. तेणं कालेणं तेणं समएणं कुणाला नामं जणवए होत्था, रिद्धस्थिमियसमिद्धे। ___ तत्थ णं कुणालाए जणवए सावत्थी नामं नयरी होत्था रिद्धस्थिमियसमिद्धा जाव पडिरूवा।
तीसे णं सावत्थीए णगरीए बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए कोढ़ए नामं चेइए होत्था, पोराणे जाव पासादीए। ॐ तत्थ णं सावत्थीए नयरीए पएसिस्स रनो अंतेवासी जियसत्तू नामं राया होत्था,
महयाहिमवंत जाव विहरइ। __२१०. उस काल और उस समय में कुणाला नामक जनपद था। वह देश वैभव-सम्पन्न, स्व-परचक्र-(शत्रुओं) के भय से मुक्त और धन-धान्य से समृद्ध था।
कुणाला जनपद में श्रावस्ती नाम की नगरी थी, जो ऋद्ध, स्तिमित, समृद्धं यावत् अतीव मनोहर थी। ___ श्रावस्ती नगरी के बाहर उत्तर-पूर्व दिशा (ईशानकोण) में कोष्ठक नाम का अत्यन्त प्राचीन यावत् मनोहर चैत्य (उद्यान) था। केशीकुमार श्रमण और प्रदेशी राजा
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