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TERRIERSORREPORTER
" आत्म-रक्षक देव पंक्ति २ (ख) तए णं तस्स सूरियाभस्स देवस्स चउद्दिसिं सोलस आयरक्खदेवसाहस्सीओ सोलसहिं भद्दासणसाहस्सीहिं णिसीयंति, तं जहा-पुरथिमिल्लेणं चत्तारि साहस्सीओ.।
ते णं आयरक्खा सन्नद्धबद्धवम्मियकवया, उप्पीलियसरासणपट्टिया, पिणद्धगेविज्जा आविद्धविमलवरचिंधपट्टा, गहियाउहपहरणा, तिणयाणि तिसंधियाई वयरामयकोडीणि धणूई पगिज्झ पडियाइयकंडकलावा णीलपाणिणो, पीतपाणिणो, रत्तपाणिणो, चावपाणिणो, चारुपाणिणो, चम्मपाणिणो, दंडपाणिणो, खग्गपाणिणो, पासपाणिणो, नील-पीय-रत्त-चाव-चारु-चम्म-दंड-खग्ग-पासधरा, आयरक्खरक्खोवगा, गुत्ता गुत्तपालिया, जुत्ता जुत्तपालिया पत्तेयं पत्तेयं समयओ विणयओ किंकरभूया चिट्ठति।
(ख) इसके बाद सूर्याभदेव के पूर्व दिशा में चार हजार, दक्षिण दिशा में चार हजार, पश्चिम दिशा में चार हजार और उत्तर दिशा में चार हजार, इस प्रकार चारों दिशाओं में
सोलह हजार आत्म-रक्षक देव भद्रासनों पर बैठे। * वे सभी आत्म-रक्षक देव बख्तर और कवच को शरीर पर धारण किये हुए थे। बाण * एवं प्रत्यंचा से सन्नद्ध धनुष को हाथो में लिए थे। गले में ग्रैवेयक नामक आभूषण पहने, * अपने-अपने श्रेष्ठ चिह्नपट्टकों (बिल्ला-साइन मार्क) को धारण किये हुए थे। आयुध और
पहरणों से सुसज्जित थे। तीन स्थानों पर नमे हुए और जुड़े हुए वज्रमय अग्र भाग वाले धनुष, * दंड और बाणों को लिए तैयार खड़े थे। उनके बाण नीली, पीली, लाल प्रभा से युक्त थे।
धनुष, चारु, चमडे के गोफन, दंड, तलवार, पाश-जाल को लेकर एकाग्र मन से रक्षा करने * में तत्पर व स्वामी की आज्ञा का पालन करने में सावधान, गुप्त आदेश पालन करने मे तत्पर, * सेवकोचित गुणों से युक्त, अपने-अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए उद्यत, विनयपूर्वक
अपनी आचार-मर्यादा के अनुसार किंकर-सेवक जैसे होकर खडे थे।
ROW OF BODY-GUARD GODS * (b) Thereafter four thousand body-guard gods of Suryabh Dev in Mar each of the four sides east, south, west and north-thus in all
sixteen thousand body-guard gods of Suryabh god took their Ke respective seats. * All the body-guard gods were armoured. They were having bowden
and arrows in their hands. They were having ornaments on their
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सूर्याभ वर्णन
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Description of Suryabh Dev
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