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अभिषेक सभा
१८२. तस्स णं हरयस्स उत्तरपुरथिमे णं एत्थ णं महेगा अभिसेगसभा पण्णत्ता, सुहम्मागमएणं जाव गोमाणसियाओ मणिपेढिया सीहासणं सपरिवारं जाव दामा चिटुंति। ___ तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सुबहु अभिसेयभंडे संनिक्खित्ते चिट्टइ, अटुट्ठ मंगलगा तहेव।
१८२. उस सरोवर के ईशानकोण में एक विशाल अभिषेक सभा है। सुधर्मा सभा के * अनुरूप ही वहाँ पर गोमानसिकाएँ, मणिपीठिका, सपरिवार सिंहासन यावत् मुक्तादाम
(मोती के झुमके) इत्यादि हैं। ____ वहाँ सूर्याभदेव के अभिषेक योग्य साधन-सामग्री से भरे हुए बहुत-से भाण्ड (पात्र
आदि) रखे है तथा इस अभिषेक सभा के ऊपरी भाग मे आठ-आठ मंगल आदि सुशोभित हो रहे हैं। CORONATION-HALL ___182. In the north-east side of that lake is a large hall for coronation. The large verandahs, the platforms, the throne and its ex accessories upto pearl ear-rings are in accordance with the status of Sudharma Sabha.
Many vessels containing the material for coronation of Suryabh Dev have been kept there. The upper part of the coronation-hall is decorated with eight auspicious symbols and other suchlike. अलंकार सभा
१८३. तीसे णं अभिसेगसभाए उत्तरपुरथिमेणं एत्थ णं अलंकारियसभा पण्णत्ता, 9 जहा सभा सुधम्मा मणिपेढिया अट्ठ जोयणाई, सीहासणं सपरिवारं। तत्थ णं सूरियाभस्स देवस्स सुबहु अलंकारियभंडे संनिक्खित्ते चिटुंति, सेसं तहेव।
१८३. उस अभिषेक सभा के ईशानकोण में एक अलकार सभा (शृगार गृह) है। सुधर्मा सभा के समान ही इस अलकार सभा का तथा आठ योजन की मणिपीठिका एवं सपरिवार सिंहासन आदि का वर्णन समझ लेना चाहिए। अलंकार सभा में सूर्याभदेव के द्वारा
धारण किए जाने वाले अलंकारों (आभूषणो) से भरे हुए बहुत-से अलंकार-भांड (पेटियाँ) " रखे हैं।
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सूर्याभ वर्णन
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Description of Suryabh Dev Xxx
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