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Mati-jnana and shrut-jnana both are produced with the help of $ 卐 five sense organs and mind. These are acquired gradually. Mati4 jnana is cause and shrut-jnana its effect or activity. Mati-znana is s
natural or spontaneous and general, whereas shrut-jnana is acquired 41 with effort and is specific. Mati-jnana is inexpressible and shrutjnana is expressible.
अनक्षरश्रुत
ANAKSHAR SHRUT ७४ : से किं तं अणक्खर-सुअं? अणक्खर-सुअं अणेगविहं पण्णत्तं, तं जहा(१) ऊससियं नीससियं, निच्छूढं खासियं च छीयं च।
निस्सिंघिय-मणुसार, अणक्खरं छेलियाईअं॥
से तं अणक्खरसुअं अर्थ-प्रश्न-यह अनक्षरश्रुत क्या होता है ?
उत्तर-अनक्षरश्रुत अनेक प्रकार का होता है जैसे-उच्छ्वास, निश्वास, थूकना, . खॉसना, छींकना, नाक साफ करना, सानुनासिक उच्चारण आदि सभी अनक्षरश्रुत हैं।
74. Question--What is this anakshar shrut?
Answer-Anakshar shrut is of many types—exhalation, + inhalation, spitting, coughing, sneezing, blowing nose, nasal sound, etc.
विवेचन-इंगित मात्र के लिए उत्पन्न की हुई वे ध्वनियाँ जो अक्षर अथवा शब्द रूप की * अभिव्यक्ति लिए नहीं हो, वे अनक्षरश्रुत कहलाती हैं। जो ध्वनियाँ निष्प्रयोजन होती हैं या की फ़ जाती हैं वे इसमें सम्मिलित नहीं हैं। किसी प्रयोजन से दूसरों को चेतावनी देने के लिए, है
हित-अहित जताने के लिए अथवा अन्य किसी उद्देश्य से जो भी शब्द अथवा संकेत किए जाते हैं । वे सब अनक्षरश्रुत में सम्मिलित हैं।
Elaboration–The sounds produced just to indicate some thing or as a gesture and not used to express any letter or word are called 4 anakshar shrut. The sounds that have no meaning or are produced 4 without any specific purpose are not included in this. The sounds 55
created for some purpose, to warn others, to indicate benefit or harm, u or for any other use are included in anakshar shrut.
听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听
ॐ श्री नन्दीसूत्र
(३४४ )
Shri Nandisutra u $5555555555555555555555555555555岁生
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