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$55步步步5555555555555步步步步步5555555555岁中 5 Out of these 14 types the first two are the main categories. 卐 These two combine within them all the other categories. However, to 5. make it easy to understand for common man these have been
expanded into 14.
अक्षरशूत का विस्तार
AKSHAR SHRUT ___७३ : से किं तं अक्खरसुअं?
अक्खरसुअं तिविहं पन्नत्तं, तं जहा-(१) सन्नक्खरं, (२) वंजणक्खरं, (३) लद्धिअक्खरं।
(१) से किं तं सन्नक्खरं? अक्खरस्स संठाणागिई, से तं सन्नक्खरं।
(२) से किं तं वंजणक्खरं? वंजणक्खरं अक्खरस्स वंजणाभिलावो, से तं वंजणक्खरं।
(३) से किं तं लद्धिअक्खरं? लद्धि-अक्खरं अक्खर-लद्धियस्स लद्धिअक्खरं समुप्पज्जइ, तं जहा-सोइन्दिय-लद्धि-अक्खर, चक्खिंदिय-लद्धि-अक्खरं, घाणिदिय-लद्धिअक्खरं, रसणिंदिय-लद्धि-अक्खरं, नोइंदिय-लद्धि-अक्खरं।
से तं लद्धि-अक्खरं, से तं अक्खरसुअं। अर्थ-प्रश्न-यह अक्षर श्रुत क्या है कितने प्रकार का है?
उत्तर-अक्षरश्रुत तीन प्रकार का बताया है-(१) संज्ञा अक्षर, (२) व्यंजन अक्षर, (३) लब्धि अक्षर।
प्रश्न-संज्ञा अक्षर क्या है उत्तर-अक्षर का संस्थान आकृति आदि, संज्ञा अक्षर है।
प्रश्न-व्यंजन अक्षर क्या है ? ___ उत्तर-अर्थात् जो मुख से उच्चारित हो वह व्यंजन अक्षर है।
प्रश्न-लब्धि अक्षर क्या है?
उत्तर-अक्षरलब्धि वाले जीव को लब्धि अक्षर उत्पन्न होता है। जैसे श्रोत्रेन्द्रियलब्धि + अक्षर, चक्षुरिन्द्रियलब्धि अक्षर, घ्राणेन्द्रियलब्धि अक्षर, रसनेन्द्रिय लब्धि अक्षर, * स्पर्शनेन्द्रियलब्धि अक्षर तथा नोइन्द्रियलब्धि अक्षर। म श्री नन्दीसूत्र
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