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SETSHTHHEEurur विवेचन–मतिज्ञान के पर्यायवाची शब्द हैं(१) ईहा-उपयुक्त अर्थ की विचारणा। (२) अपोह-निश्चय करना। (३) विमर्श-ईहा और अवाय के बीच होने वाली विचार क्रिया। (४) मार्गणा-अन्वय (सम्बन्ध) धर्मों की खोज करना। (५) गवेषणा-व्यतिरेक विपरीत धर्मों से तुलना करना।
(६) संज्ञा-अतीत में अनुभूत तथा वर्तमान में अनुभव की जाने वाली वस्तु के बीच एकता की खोज करना।
(७) स्मृति-अतीत में अनुभव की हुई वस्तु का स्मरण ।
(८) प्रज्ञा-विशिष्ट क्षयोपशम से उत्पन्न क्षमता द्वारा यथावस्थित वस्तुगत धर्म का पर्यालोचन के करना।
(९) मति-जो ज्ञान वर्तमान विषय का ग्राहक हो। (१०) बुद्धि-अवाय का अंतिम परिणाम।
विशेष-जातिस्मरणज्ञान, जो मतिज्ञान का ही एकरूप है, के द्वारा अधिकतम संज्ञी के रूप में है हुए नौ सौ भवों की जानकारी हो सकती है। जब मतिज्ञान की पूर्णता हो जाती है तब वह नियमतः अप्रतिपाती हो जाता है। उसके होने पर केवलज्ञान निश्चित है। किन्तु जघन्य-मध्यम (निम्नतम तथा मध्यम) मतिज्ञानी को केवलज्ञान हो भी सकता है और नहीं भी।
Elaboration-The synonyms of mati-jnana are - 1. Iha--the conceiving of the proper meaning. 2. Apoh-to ascertain.
3. Vimarsh--the intervening thought process between iha and avaya. ___4. Margana-the search for supporting values.
5. Gaveshana-the comparison with opposing values.
6. Sanjna-to find similarities between the experiences of the past and the thing being experienced now.
recall the thing experienced in the past.
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4 श्रुतनिश्रित मतिज्ञान
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Shrutnishrit Matt-Jnana
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