SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 465
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क ( ३९२) ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र डा अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हमारे महत्त्वपूर्ण प्रकाशन रु.500 US $40 १. सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र (भगवान महावीर की अन्तिम वाणी : मूल प्राकृत पाठ हिन्दी-अंग्रेजी अनुवाद सहित तथा ४८ रंगीन चित्र) रु.500 US $40 रु. 425 US $ 37 - रु. 200 US $ 20 २. सचित्र कल्पसूत्र (मूल प्राकृत पाठ हिन्दी-अंग्रेजी अनुवाद सहित, ११ महत्त्वपूर्ण परिशिष्ट तथा ५२ रंगीन चित्र) ३. सचित्र अन्तकृद्दशा सूत्र (मूल प्राकृत पाठ हिन्दी-अंग्रेजी अनुवाद सहित तथा ४० रंगीन चित्र) ४. सचित्र तीर्थकर चरित्र (२४ तीर्थंकरों का आदर्श जीवन-वृत्त हिन्दी-अंग्रेजी भाषा में, १४ महत्त्वपूर्ण परिशिष्ट तथा ५४ रंगीन चित्र) ५. सचित्र भक्तामर स्तोत्र (मूल संस्कृत पाठ : रोमन लिपि में हिन्दी-अंग्रेजी अनुवाद सहित तथा भावों को स्पष्ट करने वाले ५० रंगीन चित्र) ६. सचित्र णमोकार महामंत्र (हिन्दी एवं अंग्रेजी में स्वतंत्र पुस्तकें) (महामंत्र नवकार का स्वरूप, साधना विधि और महिमा को प्रकट करने वाले ३२ रंगीन चित्र, विवेचन, ५ परिशिष्ट में नवकार महामंत्र के जीवन उपयोगी विविध मंत्र साधना, आत्म-रक्षा कवच मंत्र) रु. 325 US $ 30 रु. 125 US $10 नोट : सभी पुस्तकों पर पैकिंग, फारवर्डिंग तथा पोस्टेज खर्चा लागत के अनुसार अतिरिक्त देना होगा। प्राप्ति-स्थान : भारत में : दिवाकर प्रकाशन ए-७, अवागढ़ हाउस , एम. जी. रोड, आगरा-282002 फोन : (0562) 351165 विदेशों में फेडरेशन ऑफ जैन एसोसियेशन्स इन नॉर्थ अमेरिका (जैना) 9-9 मैडीकल क्लीनिक, 4410, 50वीं स्ट्रीट, लुब्बॉक, टेक्सास - 79414 (यू. एस. ए.). फोन : (806) 793 8555 (392) JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SŪTRA LAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAE Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.007651
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
PublisherPadma Prakashan
Publication Year1997
Total Pages467
LanguagePrakrit, English, Hindi
ClassificationBook_English, Book_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, Conduct, & agam_gyatadharmkatha
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy