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द्वितीय श्रुतस्कंध : धर्मकथा
पंचमं अज्झयणं : मेहा पंचम अध्ययन : मेघा
FIFTH CHAPTER : MEGHA
सूत्र ४३ : एवं मेहा वि । आमलकप्पाए नयरीए मेहे गाहावई, मेहसिरी भारिया, मेहा दारिया, सेसं तव ।
सूत्र ४३ : इसका समस्त वृत्तान्त काली देवी के समान । नामान्तर - गाथापति का नाम मेघ, गाथापत्नी का नाम मेघश्री पुत्री का नाम मेघा ।
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43. The story goes exactly as in case of goddess Kali, the only difference being that the names of the citizen, his wife and daughter were Megh, Meghshri, and Megha respectively.
॥ पंचमं अज्झयणं समत्तं ॥
॥ पंचम अध्ययन समाप्त ॥
|| END OF CHAPTER FIVE ||
॥ पढमं वग्गो समत्तो ॥
|| END OF FIRST SECTION ||
SECOND SECTION: DHARMA KATHA
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