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मज्ज ( ३०८ )
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र डा activities he was like the flag of debasement. His notoriety had reached numerous towns. He was brave, ruthless, courageous, and an expert marksman. He was the undisputed leader of the five hundred thieves of Simha-Gupha.
__ सूत्र १२ : तए णं से विजए तक्करे चोरसेणावई बहूणं चोराण य पारदारियाण य ८ 12 गंठिभेयगाण य संधिच्छेयगाण य खत्तखणगाण य रायावगारीण य अणधारगाण य र बालघायगाण य वीसंभगायगाण य जूयकराण य खंडरक्खाण य अन्नेसिं च बहूणं छिन्न-भिन्न दी र बाहिराहयाणं कुडंगे यावि होत्था। 15 सूत्र १२ : वह चोर सेनापति, विजय तस्कर, अन्य अनेक चोरों परस्त्रीगामियों, ग्रन्थि भेदकों दी 12 (धरोहर हड़पने वाले), संधिच्छदेकों (सेंध लगाने वालों), क्षात्रखनकों (दीवारें तोड़कर चोरी करने ।
र वालों), राजद्रोहियों, ऋण लेने वालों, बालहत्यारों, विश्वासघातियों, जुआरियों, अतिक्रमणकारियों ट 15 तथा अन्य विभिन्न प्रकार के राजदण्डित अपराधियों का उसी प्रकार आश्रयदाता था जैसे बाँस की डा 2 झाड़ी होती है।
12. Like a bamboo thicket he provided protection and refuge to all sorts of S branded and escaped criminals. These included thieves, womanizers,
bamboozlers (Granthibhedak), housebreakers (Sandhicchedak), wall- a 5 breakers (Kshatrakhanak), rebels, insolvents, infanticides, betrayers, 15 gamblers, transgressors, and other persons with criminal records.
सूत्र १३ : तए णं से विजए तक्करे चोरसेणावई रायगिहस्स नगरस्स दाहिणपुरच्छिमंट 5 जणवयं बहूहिं गामघाएहि य नगरघाएहि य गोग्गहणेहि य बंदिग्गहणेहि य पंथकोट्टणेहि य र खत्तखणणेहि य ओवीलेमाणे ओवीलेमाणे विद्धंसेमाणे-विद्धंसेमाणे णित्थाणं णिद्धणं करेमाणे टा 5 विहरइ। 5 सूत्र १३ : विजय तस्कर नामका वह चोर सेनापति राजगृह नगर के दक्षिणपूर्व में स्थित जनपद ट र प्रदेश को ग्राम-घात, नगर-घात, गायों का अपहरण, लोगों का अपहरण, पथिकों को लूटना-पीटना ड र तथा सेंध लगाना आदि उपद्रवों द्वारा उत्पीड़ित और विध्वंस करता रहता था और लोगों को । 15 स्थानहीन आश्रयहीन) व धनहीन (दरिद्र) करता रहता था।
_____13. That leader of the thieves, the smuggler Vijay, habitually indulged in ] 5 activities like raiding villages, raiding towns, driving away cattle, kidnapping people, looting and beating wayfarers, and house breaking. With
these activities he caused torment and havoc and deprived citizens of their s R wealth and peaceful living.
Vuuriuurrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrron
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JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SŪTRA , AAAAAAAAAAAAAAAnnnnnnnnnnnnnnnnny
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