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Fuuurrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrrr र सोलहवाँ अध्ययन : अमरकंका
( २२५ ) डा 15 129. King Pandu returned to Hastinapur, called his servants and said, ट
“Beloved of gods! Arrange for liberal quantity of food and take it to the C » guests. The servants did as told. The royal guests took their meals and SI 2 resumed their enjoyments. (as detailed before)
सूत्र १३0 : तए णं पंडुराया ते पंच पंडवे दोवइं च देविं पट्टयं दुरूहेइ, दुरूहित्ताद र सेया-पीएहिं कलसेहिं पहावेंति, पहावित्ता कल्लाणकारं करेइ, करित्ता ते वासुदेवपामोक्खा बहवे ह 15 रायसहस्से विपुलेणं असण-पाण-खाइम-साइमेणं पुष्फवत्थेणं सक्कारेइ, सम्माणेइ, सक्कारित्ता टा र सम्माणित्ता जाव पडिविसज्जेइ। तए णं ते वासुदेवपामोक्खा जाव पडिगया।
___ सूत्र १३० : राजा पाण्डु ने पाँचों पाण्डवों तथा द्रौपदी को पाट पर बिठाया और सोने-चाँदी के द र कलशों में पानी भरकर स्नान करवाया। फिर कल्याण-कर उत्सव किया। उत्सव के पश्चात् सभी ड र अतिथियों को भरपेट अशन-पान आदि भोजन करवाया और पुष्पों-वस्त्रों आदि से सत्कार सन्मान ? 5 कर विदा किया। वासुदेव आदि सभी राजा अपने-अपने राज्यों व नगरों को लौट गये।
_____130. King Pandu made the five Pandavs and Draupadi sit on a platform S B and got the blessing ceremony performed after formally anointing them with a
water poured from gold and silver urns. And finally King Pandu invited all
the guests to a feast and bid them farewell with due honour and courtesy. 5 The guests returned back to their respective states and cities.
सूत्र १३१ : तए णं ते पंच पंडवा दोवईए देवीए सद्धिं अंतो अंतेउरपरियालसद्धिं 2 5 कल्लाकल्लिं वारंवारेणं ओरालाई भोगभोगाइं जाव (भुंजमाणा) विहरंति। र सूत्र १३१ : सभी समारोह सम्पन्न हो जाने के बाद पाँचों पाण्डव द्रौपदी के साथ अन्तःपुर ट] 5 परिवार में बारी-बारी से एक-एक दिन अनुक्रम से उदार सांसारिक काम-भोग का आनन्द लेते डा र समय बिताने लगे।
131. After all the functions were over the five Pandavs started enjoying 5 the mundane pleasures of marital life with Draupadi, one day each in a cyclic 5 sequence in the well equipped and staffed personal quarters of their s 2 respective palaces.. 5 सूत्र १३२ : तए णं से पंडुराया अन्नया कयाई पंचहिं पंडवेहिं कोंतीए देवीए दोवईए देवीए द र य सद्धिं अंतो अंतेउरपरियाल सद्धिं संपरिवुडे सीहासणवरगए यावि होत्था।
__ सूत्र १३२ : एक बार राजा पाण्डु पाँचों पाण्डवों, कुन्ती देवी और द्रौपदी देवी के साथ र अन्तःपुर परिवार से घिरे श्रेष्ठ सिंहासन पर बैठे थे। 5 132. One day King Pandu was sitting on a throne in his personal quarters ट
surrounded by the five Pandavs, queen Kunti, and Draupadi.
CHAPTER-16 : AMARKANKA
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