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UDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD र चौदहवाँ अध्ययन ः तेतलिपुत्र
( ११९ ) SI 5 सूत्र १४ : रानी पद्मावती तथा अमात्य-पत्नी पोट्टिला ने एक ही समय में गर्भधारण, गर्भवहन ढ र और गर्भवृद्धि की। नौ महीने के बाद पद्मावती देवी ने प्रिय और सुन्दर पुत्र को जन्म दिया। 5 जिस रात रानी ने पुत्र को जन्म दिया उसी रात अमात्य-पत्नी ने एक मरी हुई बालिका को दी 15 जन्म दिया।
14. After some time Queen Padmavati and the minister's wife, Pottila, conceived, carried, and cared for the fetus at and during the same time. After
nine months Queen Padmavati gave birth to a beautiful and lovely son. 2 The day the queen gave birth to a son the minister's wife gave birth to a 13 dead girl.
सूत्र १५ : तए णं सा पउमावई देवी अम्मधाई सद्दावेइ, सद्दावित्ता एवं वयासी-“गच्छह णं र तुमे अम्मो ! तेयलिपुत्तगिहे, तेयलिपुत्तं रहस्सियं चेव सद्दावेह।" 15 तए णं सा अम्मधाई तह ति पडिसुणेइ, पडिसुणित्ता अंतेउरस्स अवदारेणं निग्गच्छइ,
र निग्गच्छित्ता जेणेव तेयलिपुत्तस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयल जाव एवं टा 15 वयासी-“एवं खलु देवाणुप्पिया ! पउमावई देवी सद्दावेइ।" 12 सूत्र १५ : पद्मावती देवी ने अपनी धायमाता को बुलाया और कहा-“माँ ! तुम गुप्त रूप से ट र तेतलिपुत्र के घर जाओ और उन्हें बुला लाओ।" र धायमाता ने 'बहुत अच्छा' कहकर रानी का आदेश स्वीकार किया और अन्तःपुर के पिछले ड र द्वार से निकलकर तेतलिपुत्र के घर पहुँची। तेतलिपुत्र को यथाविधि हाथ जोड़ अभिवादन कर दी 15 उसने कहा-“हे देवानुप्रिय ! आपको पद्मावती देवी ने बुलावा भेजा है।"
2 15. Queen Padmavati called her mid-wife and said, “Mother! Go to the S B house of Tetaliputra stealthily and ask him to come here." 15 The mid-wife accepted the queen's order and coming out of the back door CT
of the palace went to the residence of Tetaliputra. After due greetings she
said, “Beloved of gods! The queen has summoned you." 15 अदला-बदली 15 सूत्र १६ : तए णं तेयलिपुत्ते अम्मधाईए अंतियं एयमढे सोच्चा णिसम्म हट्ठ-तुढे अम्मधाईए द र सद्धिं साओ गिहाओ निग्गच्छइ, निग्गच्छित्ता अंतेउरस्स अवद्दारेणं रहस्सियं चेव अणुपविसइ, SI र अणुपविसित्ता जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं जाव एवं दी 5 वयासी–“संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए कायव्यं।" र सूत्र १६ : तेतलिपुत्र धायमाता की बात सुन-समझकर प्रसन्न हुए और धायमाता के साथ अपने ट 15 घर से निकल चुपके से रानी के अन्तःपुर के पिछले द्वार से महल के भीतर आए। पद्मावती देवी टी R CHAPTER-14 : TETALIPUTRA
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