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प्रथम अध्ययन : उत्क्षिप्त ज्ञात
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(२४) प्राकृत भाषा व छंद (२५) गीति छंद (२६) श्लोक (२७) चाँदी बनाना (२८) सोना बनाना (२९) चूर्ण निर्माण व उपयोग (३०) गहने गढ़ना, पहनना (३१) स्त्री सेवा (३२) स्त्री लक्षण (३३) पुरुष लक्षण (३४) अश्व लक्षण (३५) हाथी के लक्षण (३६) गाय लक्षण (३७) मुर्गों के लक्षण (३८) छत्र लक्षण (३९) दंड लक्षण (४0) तलवार के लक्षण (४१) मणि लक्षण (४२) रत्न विशेष (काकिणी) लक्षण (४३) वास्तु कला (४४) सेना का पड़ाव प्रमाण (४५) नगर निर्माण (४६) व्यूह रचना (४७) प्रतिव्यूह रचना (४८) सैन्य संचालन
(४९) प्रतिरक्षा हेतु सैन्य संचालन (५०) चक्रव्यूह (५१) गरुड़व्यूह (५२) शकटव्यूह (५३) युद्ध (५४) विशेष युद्ध (५५) अत्यन्त विशेष युद्ध (महा) (५६) यष्टि युद्ध (अस्थि) (५७) मुष्टि युद्ध (५८) बाहु युद्ध (५९) लता युद्ध (६०) बढ़ा-चढ़ाकर बताना-विस्तार (६१) मूठ बनाना (६२) धनुर्विद्या (६३) चाँदी का पाक (रसायन) (६४) सोने का पाक (रसायन) (६५) सूत के खेल (६६) वृत्त के खेल (६७) नाली के खेल (६८) पत्र छेदन (६९) वृत्त छेदन (कुंडल छेदन) (७०) संजीवन (७१) निर्जीवन (७२) पक्षियों की भाषा (बोली)
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EDUCATION
68. When Megh Kumar became eight years olu his parents, finding an auspicious moment, sent him to a scholar of a wide range of subjects including various arts and crafts. The teacher imparted theoretical education, including texts and meaning, as well as
CHAPTER-1: UTKSHIPTA JNATA
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