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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
LORDS
नेक
SERI
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BIRTH OF THE SON
59. Immediately after the birth of the child the slave girls, driven by the feeling of joy, rushed to King Shrenik and after formal greetings congratulated him
"O beloved of gods! At the due hour Queen Dharini has given birth to a son. We bring this good news to you with our congratulations."
This news filled King Shrenik with joy. He thanked them and amply rewarded them with flowers, perfumes, garlands, ornaments and words of encouragement. He also gave them their freedom along with wealth enough to last many generations. __सूत्र ६०. तए णं से सेणिए राया कोडुंबियपुरिसे सद्दावेति। सदावित्ता एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायगिहं नगरं आसत्ति जाव परिगीयं करेह कारवेह य। करित्ता चारगपरिसोहणं करेह। करित्ता माणुम्माण-वद्धणं करेह। करित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह। जाव पच्चप्पिणंति। __ सूत्र ६0. श्रेणिक राजा ने तब अपने सेवकों को बुलाया और आदेश दिया कि राजगृह नगर की धुलाई-सफाई करवा कर उसे मनोरम (पूर्व सम) बनाया जाये। नृत्य, गायन आदि उत्सव किये जाएं साथ ही कारागार में रहे बन्दियों को मुक्त कर दिया जाए और नगर में तोल-माप को बढ़ा दिया जाये। ये सब कार्य सम्पूर्ण करके उन्हें सूचित किया जाए। सेवकों ने शीघ्र ही ये सब काम सम्पन्न कर राजा को सूचित किया।
60. King Shrenik called his attendants and gave them instructions to beautify the town of Rajagriha (as detailed earlier). He also asked them to make arrangements for dance and music festivals, for pardoning the prisoners, and for subsidizing prices of essential goods. He ordered them to comply and report, which they soon did.
सूत्र ६१. तए णं से सेणिए राया अट्ठारससेणीप्पसेणीओ सद्दावेति। सद्दावित्ता एवं वदासी-“गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! रायगिहे नगरे अभिंतरबाहिरिए उस्सुक्कं उक्कर अभडप्पवेसं अदंडिमकुडंडिमं अधरिमं अधारणिज्जं अणुद्धयमुइंगं अमिलायमल्लदामं गणियावरणाडइज्जकलियं अणेगतालायराणुचरितं पमुइयपक्कीलियाभिरामं जहारिहं ठिइवडियं दसदिवसियं करेह कारवेह य। करित्ता एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह।"
ते वि करेन्ति, करित्ता तहेव पच्चप्पिणंति।
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JNĀTĀ DHARMA KATHĂNGA SUTRA
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