________________
( ४०६)
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
-
rameenarmeruwaon
152. Shakrendra and King Kumbh seated Arhat Malli on a throne facing east and annointed him with the said things.
सूत्र १५३. तए णं मल्लिस्स भगवओ अभिसेए वट्टमाणे अप्पेगइया देवा मिहिलं च सभिंतरं बाहिरियं जाव सव्वओ समंता आधावंति परिधावंति।
सूत्र १५३. भगवान मल्ली के अभिषेक के समय कई देव मिथिला के भीतर-बाहर आ-जा रहे थे। ___153. At the time of the annointing ceremony of Arhat Malli numerous gods continued to arrive at and leave that place.
पालकी
सूत्र १५४. तए णं कुंभए राया दोच्चं पि उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयावेइ जाव सव्वालंकार-विभूसियं करेइ, करित्ता कोडुम्बियपुरिसे सद्दावेइ। सद्दावित्ता एवं वयासी"खिप्पामेव मणोरमं सीयं उवट्ठवेह।" ते वि उवट्ठवेंति।
सूत्र १५४. फिर राजा कुंभ ने सिंहासन उत्तरमुखी करके रखवाया और भगवान मल्ली को सभी अलंकारों से सजाकर बैठाया। उन्होंने सेवकों को बुलाकर कहा-"जल्दी से मनोरमा नाम की पालकी लाओ।" सेवक वह पालकी ले आए।
THE PALANQUIN
154. King Kumbh got the throne placed facing north and seated Arhat Malli after adorning her with all gorgeous ornaments. He called his staff and said, “Go and get the palanquin named Manorama." The attendants immediately brought the palanquin.
सूत्र १५५. तए णं सक्के देविंद देवराया आभियोगिए सद्दावेइ, सदायित्ता एवं वयासी-“खिप्पामेव अणेगखंभं जाव मनोरमं सीयं उवट्ठवेह।" जाव सावि सीया तं चेव सीयं अणुपविट्ठा।
सूत्र १५५. इस पर शक्रेन्द्र ने अभियोगिक देवों को बुलाकर कहा-"जल्दी से अनेक स्तम्भों वाली मनोरमा नामकी शिविका उपस्थित करो।" देवगण वह शिविका ले आये और वह शिविका मनुष्यों की पालकी में समा गई। ____155. Shakrendra also called the ceremonial gods and said, “Bring forth the Manorama divine palanquin." The gods brought it and it vanished into the human palanquin.
Orno
पक BEBI(406)
JNATA DHARMA KATHANGA SUTRA
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org