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________________ ( २९१) - - सत्तमं अज्झयणं : रोहिणीणाए सातवाँ अध्ययन : रोहिणी ज्ञात Y SEVENTH CHAPTER : ROHINI JNATA - THE STORY OF ROHINI सूत्र १. “जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स नायज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, सत्तमस्स णं भंते ! नायज्झयणस्स के अढे पण्णत्ते ?" सूत्र १. जम्बू स्वामी ने प्रश्न किया-"भंते ! श्रमण भगवान महावीर ने सातवें ज्ञाता अध्ययन का क्या अर्थ कहा है ?" 1. Jambu Swami inquired, “Bhante! What is the meaning of the seventh chapter according to Shraman Bhagavan Mahavir?" __ सूत्र २. “एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समए णं रायगिहे नामं नयरे होत्था। तत्थ णं रायगिहे णयरे सेणिए नाम राया होत्था। तस्स णं रायगिहस्स णयरस्स बहिया उत्तरपुरच्छिमे दिसीभाए सुभूमिभागे उज्जाणे होत्था। ___ तत्थ णं रायगिहे नयरे धण्णे नामं सत्थवाहे परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए। तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स भद्दा नामं भारिया होत्था, अहीणपंचिंदियसरीरा जाव सुरूवा।" ___ तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स पुत्ता भद्दाए भारियाए अत्तया चत्तारि सत्थवाहदारया होत्था, तं जहा-धणपाले, धणदेवे, धणगोवे, धणरक्खिए। तस्स णं धण्णस्स सत्थवाहस्स चउण्हं पुत्ताणं भारियाओ चत्तारि सुण्हाओ होत्या, तं जहा-उझिया, भोगवइया, रक्खिया, रोहिणिया। सूत्र २. सुधर्मा स्वामी ने बताया-“हे जम्बू ! काल के उस भाग में राजगृह नाम का एक नगर था जिसके बाहर सुभूमिभाग नामका उद्यान था। राजगृह में धन्य नाम का एक समृद्धिशाली सार्थवाह रहता था। उसकी परिपूर्ण शरीर वाली सुन्दरी भार्या का नाम भद्रा था।" धन्य सार्थवाह और भद्रा के चार पुत्र थे-धनपाल, धनदेव, धनगोप तथा धनरक्षित। उनकी पत्नियों के नाम थे-उज्झिका, भोगवती, रक्षिका और रोहिणी। WHA T RAMME लाल RAIN एमसारखा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.007650
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana, Surendra Bothra, Purushottamsingh Sardar
PublisherPadma Prakashan
Publication Year1996
Total Pages492
LanguagePrakrit, English, Hindi
ClassificationBook_English, Book_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, Conduct, & agam_gyatadharmkatha
File Size13 MB
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