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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
चित्र परिचय
THE ILLUSTRATIONS EXPLAINED
भोले कछुए : धूर्त शृगाल
चित्र : १३
गंगा नदी के तट पर मृतगंगा तीर नामक एक द्रह था । जहाँ पर अनेक प्रकार के मच्छ, कच्छ, कछुए आदि जलचर प्राणी रहते हैं। एक बार संध्या के समय दो कछुए भोजन की तलाश में द्रह से बाहर निकलकर रेतीले तट पर घूमने लगे । उसी तीर के पास एक गहरी झाड़ियों वाला मालुकाकच्छ था । वहाँ दो धूर्त शृंगाल (सियार) रहते थे। सियारों ने कछुओं को घूमते देखा तो उन्हें अपना भक्ष्य बनाने के लिए घात लगाकर वहाँ आकर छुप गये ।
( अध्ययन ४ )
INNOCENT TURTLES : CUNNING JACKALS
ILLUSTRATION : 13
On the banks of the river Ganges was a lake named Mritgangateerhrid. Flocks of aquatic animals including turtles abounded it. On the river-bank, two evil jackals lived in a large thicket. One evening two turtles came out of the lake and started moving around on the sandy bank in search of food. The jackals saw the turtles and hid within the thicket ready to pounce for a kill.
(CHAPTER-4)
JNĀTĀ DHARMA KATHANGA SUTRA
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