________________
मल्लीकुमारी की प्रशंसा
राजा चन्द्रच्छाय
समुद्र- यात्रा
भयावह आकृति
क्षमायाचना एवं कुण्डलों की भेंट राजा रुक्मि
काशीराज शंख
सुनारों को देश निकाला
राजा अदीनशत्रु
मल्लीकुमारी का चित्र
मल्ली नहीं ! चित्र
निर्वासित चित्रकार राजा जितशत्रु
चोक्खा का पराभव
जितशत्रु के पास चोक्खा
कूपमंडूक
दूतों का संदेश - निवेदन
युद्ध की तैयारी
कुम्भ की पराजय
मिथिला का घेराव
मल्ली की योजना
राजाओं का मन परिवर्तन
राजाओं को जातिस्मरण ज्ञान
दीक्षा का संकल्प
वर्षी दान कुंभ की भोजनशालाएँ देवों का कर्तव्य पालन
अभिषेक समारोह
पालकी
महाभिनिष्क्रमण
दीक्षा
केवलज्ञान
संघ वर्णन
निर्वाण
उपसंहार
उपनय गाथा परिशिष्ट
Jain Education International
३४२
३४४
३४५
३४८
३५५
३६१
३६४
३६६
३६८
३७०
३९१
३९४
३७२
३७३
Exiled Painter
३७६
King Jitshatru
૩૬
Defeat of Chokkha
३८०
Chokkha with Jitshatru A Well-Frog
३८१
३८४
Emissaries in Mithila
३८५
War Preparations ३८७ Defeat of Kumbh ३८८ The Siege of Mithila ३८९ Malli's Plan
३९५
३९८
४००
Praise of Princess Malli
King Chandracchaya
The Sea-Voyage
Horrific Apparition
Gift of Earrings
King Rukmi
King Shankh of Kashi
Exile of Goldsmiths.
King Adinshatru
The Portrait of Malli
A Portrait Not Malli !
४०९
899
४१३
४१५
४१७
४१७
४१८
Mind Change of the Kings Jatismaran Jnan of the Kings
Resolve to Renounce the World The Great Charity
Food Distribution by Kumbh Gods Perform their Duty
४०२
४०४ Annointing Ceremony
४०६ The Palanquin
४०७
The Great Renunciation
Initiation
Omniscience
Details of the Organization
Liberation
Conclusion
The Message Appendix
***
(20)
For Private & Personal Use Only
342
344
346
348
355
361
365
366
369
370
372
374
376
378
380
382
384
386
388
389
390
392
394
396
398
401
403
405
406
407
409
411
414
415
417
418
419
www.jainelibrary.org