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घपल स्वभाव का फल निष्कर्ष : उपनय शांत स्वभाव का फल उपसंहार उपनय गाथा परिशिष्ट
२२३ The Rash Turtle २२५ The Lesson २२५ The Patient Turtle २२७ Conclusion २२७ The Message २२८ Appendix
225 225 228
228 229
पंचम अध्ययन : शैलक.
२३०-२८१
Fifth Chapter :Shailak
230-281
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231
235
237
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आमुख कृष्ण वासुदेव अर्हत् अरिष्टनेमि का आगमन कृष्ण की उपासना थावच्चापुत्र का वैराग्य कृष्ण-थावच्चापुत्र संवाद कृष्ण द्वारा शिष्य-भिक्षा थावच्चापुत्र का विहार राजा शैलक का श्रावक बनना शुक परिव्राजक शुक की धर्मदेशना थावच्चापुत्र-सुदर्शन संवाद
२३० २३५ २३६ २३७ २३९ २४१ २४५ २४७ २४८ २४९ २५१ २५२
240 242 245 247 248 250 251
सुदर्शन का धर्म-परिवर्तन शुक का पुनरागमन शुक-थावच्चापुत्र संवाद
२५४ २५६ २५८
Introduction Krishna Vasudev Arrival of Arhat Arishtanemi Worship of Krishna Detachment of Thavacchaputra Test by Krishna-Thavacchaputra Disciple Donation by Krishna Wanderings of Thavacchaputra King Shailak becomes a Follower Shuk Parivrajak The Preaching of Shuk Dialogue between Thavacchaputra and Sudarshan Conversion of Sudarshan Return of Shuk Dialogue between Shuk and Thavacchaputra Initiation of Shuk King Shailak gets Detached Diksha of Shailak Ailing Shailak Lethargy of Shailak Breaking of the Trap Reawakening of Shailak Conclusion The Message Appendix
253 254 256
259 266
267 270
शुक की प्रव्रज्या राजा शैलक का वैराग्य शैलक की दीक्षा शैलक मुनि की रुग्णता शैलक का प्रमाद प्रमाद भंग शैलक का पुनर्जागरण उपसंहार उपनय गाथा परिशिष्ट
271 274
२६५ २६७ २६९ २७१ २७४ २७५ २७७ २७९ RCO २८0
276
278 280
280
281
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