________________
( १२८)
ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
Oug
-
सूत्र १३८. “हे मेघ ! किसी समय अन्य पाँच ऋतुओं के बीतने पर आए ग्रीष्मकाल में जो यह भयावह दावानल फैल गया था (पूर्व सम) उससे बचने के लिए तुम बहुत से हाथियों के साथ अपने बनाये उस साफ किये मंडल की ओर दौड़ पड़े। ____138. "To save yourself from this fearsome forest fire that had started in the summer season, the season that comes after the lapse of five seasons, you started running with numerous other elephants towards the arena that you had cleared.
सूत्र १३९. तत्थ णं अण्णे बहवे सीहा य, वग्घा य, विगया, दीविया, अच्छा य, रिछतरच्छा य, पारासरा य, सरभा य, सियाला, विराला, सुणहा, कोला, ससा, कोकंतिया, चित्ता, चिल्लला, पुव्वपविठ्ठा, अग्गिभयविद्या एगयओ बिलधम्मेणं चिट्ठति।
तए णं तुम मेहा ! जेणेव से मंडले तेणेव उवागच्छिसि, उवागच्छित्ता तेहिं बहूहिं सीहेहिं जाव चिल्ललएहि य एगयओ बिलधम्मेणं चिट्ठसि। __ सूत्र १३९. "उस मैदान में सिंह, बाघ, भेड़िया, चीता, भालू, तरक्ष, पारासर, शरभ, सियार, बिल्ली, कुत्ता, सूअर, खरगोश, लोमड़ी, चित्र और चिल्लल आदि अन्य अनेक पशु आग के डर से. घबराकर पहले ही आ गये थे और किसी बिल में जैसे कीड़े-मकोड़े ठसाठस भर जाते हैं वैसे ही वे सब प्राणी जहाँ जगह मिली वहीं घुस गये थे। हे मेघ ! तुम भी वहाँ पहुँचने पर उन्हीं सब प्राणियों के बीच जहाँ जगह मिली वहीं खड़े हो गये।
139. “In that arena numerous animals including lion, tiger, wolf, leopard, bear, Taraksh, Parasar, Sharabh, jackal, cat, dog, boar, rabbit, fox, Chitra and Chillan in large numbers, had already taken refuge. Afraid of the forest fire, they had swarmed in and occupied whatever little space they could find. The place appeared like a hole jam-packed with insects. Megh! When you reached there, you also squeezed in and stood where you found a little space. अपूर्व अनुकम्पा
सूत्र १४0. तए णं तुमं मेहा ! पाए णं गत्तं कंडुइस्सामि त्ति कटु पाए उक्खित्ते, तसिं च णं अंतरंसि अन्नेहिं बलवंतेहिं सत्तेहिं पणोलिज्जमाणे पणोलिज्जमाणे ससए अणुपविढे। __तए णं तुम मेहा ! गायं कंडुइत्ता पुणरवि पायं पडिनिक्खमिस्सामि त्ति कटु तं ससयं अणुपविट्ठ पाससि, पासित्ता पाणाणुकंपयाए भूयाणुकंपयाए जीवाणुकंपयाए सत्ताणुकंपयाए से पाए अंतरा चेव संधारिए, नो चेव णं णिक्खित्ते।
Cas
MO
wa
RAMIAS
DOE
Lan
/
(128)
JNĀTĀ DHARMA KATHĀNGA SUTRA
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org