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वैराग्य जागरण शोकाकुल माता मेघकुमार का माता-पिता से संवाद राज्याभिषेक संयमोपकरण की माँग दीक्षा की तैयारी महाभिनिष्क्रमण प्रव्रज्या ग्रहण मेघ अनगार का ऊहापोह प्रतिबोध : पूर्वभव कथन
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८२ Detachment ८५ Mother's Grief ८६ Dialogue with Parents ९३ Coronation ९६ Demand for Ascetic Equipment
gue Preparations for Initiation 909 The Great Renunciation १०९ Initiation ११२ Ascetic Megh's Dilemma ११४ Enlightenment : Reminding of the
Earlier Lives ११७ Forest Fire १२१ King Elephant Meruprabh 972 Memory of the Earlier Birth 978 Clearing the Jungle १२५ The Conflageration १२८ Unprecedented Compassion १३१ End of the Dilemma १३२ Re-Initiation
Harsh Penances by Megh १३६ Relentless Practices 989 Resolve of a Pious Death १४७ Re-Birth १४९ At Last, Liberation 940 Conclusion 940 The Message 949 Appendix
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दावानल यूथपति मेरुप्रभ हस्ती-भव में जातिस्मरण मंडल निर्माण दावाग्नि अपूर्व अनुकम्पा मेघ के ऊहापोह का अन्त पुनः प्रव्रज्या मेघ की उत्कट तपस्या अथक साधना समाधिभरण का संकल्प पुनर्जन्म निरूपण अन्त में सिद्धि उपसंहार उपनय गाथा परिशिष्ट
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142 147
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द्वितीय अध्ययन : संघाट
१५९-१९८ Second Chapter : Sanghat
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आमुख उजाड़ उद्यान धन्य व भद्रा विजय चोर भद्रा की पीड़ सन्तान के लिए मन्नत
१५९ Introduction १६२ Desolate Garden १६४ Dhanya and Bhadra १६५ Thief Vijaya १६८ Bhadra's Distress 999 Worship for Offspring १७३ Pregnancy-Desire
160 163 164 167 169 172
दोहद
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