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दसमं करेइ, करिता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता दुबालसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता चउद्दसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता सोलसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता उत्थं करेइ, करिता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ताछट्ठी लया ।
दुवालसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता चउद्दसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता सोलसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता उत्थं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता छट्ठ करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता अट्टमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता दसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता
सत्तमी लया ।
एक्का कालो अट्टमासा पंच य दिवसा । चउण्हं दो वासा अट्ठमासा वीसं दिवसा । सेसं तहेव जाव सिद्धा ।
आर्या वीर कृष्णाः महा सर्वतोभद्रतप
सूत्र १३ :
इसी प्रकार वीरकृष्णा रानी का चरित्र भी जानना चाहिये । यह भी श्रेणिक राजा की भार्या तथा कोणिक राजा की छोटी माता थी । इन्होंने भी दीक्षा अंगीकार की और आर्या चन्दनबाला से आज्ञा लेकर " महासर्वतोभद्र " तप का आराधन किया ।
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अन्तकृद्दशा सूत्र : अष्टम वर्ग
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