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श्रमण भगवान महावीर की पत्नी 'यशोदा' थी, जो कौण्डिन्य गोत्र की थी।
श्रमण भगवान महावीर की पुत्री काश्यप गोत्र की थी। उसके दो नाम इस प्रकार थेका (१) अनोज्जा (अनवद्या), और (२) प्रियदर्शना।
श्रमण भगवान महावीर की दौहित्री कौशिक गोत्र की थी। उसके दो नाम इस प्रकार थे-(१) शेषवती, तथा (२) यशोमती या यशस्वती।
356. Shraman Bhagavan Mahavir's father belonged to the Kashyap clan. His three names were-(1) Siddhartha, (2) Shreyansa, and (3) Yashasvi.
Shraman Bhagavan Mahavir's mother belonged to the Vashishtha clan. Her three names were—(1) Trishala, (2) Videhadinna, and (3) Priyakarini. ___Shraman Bhagavan Mahavir's uncle (father's younger brother) was Suparshva of the Kashyap clan.
Shraman Bhagavan Mahavir's elder brother was Nandivardhan of the Kashyap clan.
Shraman Bhagavan Mahavir's sister was Sudarshana of the Kashyap clan.
Shraman Bhagavan Mahavir's wife was Yashoda of the Kaundinya clan.
Shraman Bhagavan Mahavir's daughter was also of the Kashyap clan. She had two names—(1) Anojja (Anavadya), and (2) Priyadarshana.
Shraman Bhagavan Mahavir's grand daughter was of the Kaushik clan. She had two names—(1) Sheshayati, and (2) Yashomati or Yashasvati.
विवेचन प्रस्तुत सूत्र में भगवान महावीर के पिता, माता, चाचा, भाई, बहन, पत्नी, पुत्री और दौहित्री ले नाम और गोत्र का परिचय दिया गया है। भगवान महावीर के पिता का नाम श्रेयांस क्यों पड़ा? इस सम्बन्ध में चूर्णिकार कहते हैं-“श्रेयांसि श्रयन्ति अस्मिन्निति श्रेयांसः।" __ अर्थात् जिसमें श्रेयों-कल्याणों का आश्रय स्थान हो, वह श्रेयांस है। माता का एक नाम भावना : पन्द्रहवाँ अध्ययन
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Bhaavana : Fifteenth Chapter
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