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309. A bhikshu or bhikshuni should find if a sthandil is at places like pilgrimage on a river bank, swamps near a river, pious en streams, irrigation canals or other such places. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal. __ ३१०. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा नवियासु वा मट्टियखाणियासु वा नवियासु गोप्पलेहियासु गवाणीसु वा खाणीसु वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि वा थंडिलंसि णो उच्चार-पासवणं वोसिरेज्जा।
३१0. साधु-साध्वी ऐसे स्थण्डिल को जाने, जोकि मिट्टी की नई खाने हों, नई गोचर भूमि हो, सामान्य गायों के चारागाह हों, खानें हों अथवा अन्य उसी प्रकार का कोई स्थण्डिल हो तो उसमें उच्चार-प्रस्रवण का विसर्जन नहीं करे।
310. A bhikshu or bhikshuni should find if a sthandil is at places like a fresh excavation of sand, a new grazing land, ordinary grazing land for cows, mines or other such places. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal. ____३११. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा डागवच्चंसि वा सागवच्चंसि वा मूलगवच्चंसि वा हत्थुकरवच्चंसि वा, अण्णयरंसि वा तहप्पगारंसि थंडिलंसि णो उच्चार-पासवणं वोसिरेज्जा।
३११. साधु-साध्वी यदि ऐसे स्थण्डिल को जाने, जहाँ डाल-प्रधान-(जिस सब्जी के पौधों में डालियाँ अधिक) हों, शाक के खेत हों, पत्र-प्रधान शाक के खेत हों, मूली, गाजर आदि के खेत हों, हस्तंकुरकपित्थ-(वनस्पति विशेष) के क्षेत्र हों उनमें तथा अन्य उसी प्रकार के स्थण्डिल में मल-मूत्र का विसर्जन नहीं करे।
311. A bhikshu or bhikshuni should find if a sthandil is at farms of plants having numerous branches, vegetables, leafy vegetables, radish, carrot, hastankurakapittha (a vegetable) or other such places. If it is so, such sthandil should not be used by an ascetic for excreta disposal.
३१२. से भिक्खू वा २ से जं पुण थंडिलं जाणेज्जा असणवणंसि वा सणवणंसि वा धायइवणंसि वा केयइवणंसि वा अंबवणंसि वा असोगवणंसि वा नागवणंसि वा उच्चार-प्रस्त्रवण-सप्तिका : दशम अध्ययन ( ४१९ ) Uchchar-Prasravan Saptika : Tenth Chapter
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