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२00) साधु अतिथि के रूप में आ जाए तो वह साधु स्वयं अपने द्वारा गवेषणा करके लाये हुए अशनादि चतुर्विध आहार आदि के लिए उन साधर्मिक, सांभोगिक एवं समनोज्ञ साधुओं को निमंत्रित करें, किन्तु अन्य साधु द्वारा लाये हुए या अन्य रुग्णादि साधु के निमित्त लाये हुए आहारादि को लेकर उन्हें निमंत्रित नहीं करे। DEALING WITH CONFORMIST ASCETIC
261. After occupying the place with due permission if some other co-religionist, sambhogik (conformist in indulgences) and samanojna (conformist in conduct; refer to Illustrated Acharanga Sutra, part I, aphorism 200) ascetics come there as guests, the ascetic already staying there should invite those guest ascetics to share the food etc. brought after due exploration by his ownself. But he should not invite them to share food etc. brought by some other ascetic or that brought specifically for other sick (or disabled) ascetic.
असंभोगी साधु के साथ व्यवहार विधि ___ २६२. से आगंतारेसु वा जाव से किं पुण तत्थोग्गहंसि एवोग्गहियंसि ? जे तत्थ
साहम्मिया अन्नसंभोइया समगुण्णा उवागच्छेज्जा जे तेण सयमेसित्तए पीढे वा फलए वा .. सिज्जा-संथारए वा तेण ते साहम्मिए अन्नसंभोइए समणुण्णे उवणिमंतेज्जा, णो चेव णं . परपडियाए ओगिण्हिय २ उवणिमंतेज्जा।
२६२. धर्मशाला आदि के लिए अनुज्ञा प्राप्त करके ठहरे भिक्षु के पास यदि वहाँ कुछ उत्तम आचार वाले असांभोगिक, साधर्मिक एवं समनोज्ञ साधु अतिथि रूप में आ जायें तो वहाँ ठहरा हुआ साधु जो स्वयं गवेषणा करके अपने लिए लाए हुए पीठ (चौकी), फलक,
शय्या-संस्तारक आदि हो, उन्हें अतिथि साधुओं को उन वस्तुओं के लिए आमंत्रित करे, 5. किन्तु जो दूसरे के द्वारा अथवा रुग्णादि अन्य साधु के लिए लाये हुए पीठ, फलक या
शय्या-संस्तारक हों, उनको लेने के लिए आमंत्रित नहीं करे। DEALING WITH NON-CONFORMIST ASCETIC
262. After occupying the place with due permission if some other co-religionist, asambhogik and samanojna ascetics come there as guests, the ascetic already staying there should invite अवग्रह प्रतिमा : सप्तम अध्ययन
( ३७३ ) Avagraha Pratima : Seventh Chapter
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