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*9090099072800180900CARSEARongs is
(9) The food-grain is achit (lifeless or without the capacity to
sprout) but it is infested with worms like weevils and
caterpillars. (10) Some aquatic or other insects like flies and ants have fallen into
the cooked food. ___(11) The grains that is uncooked or badly cooked.
विशेष शब्दों के अर्थ-कसिणाओ-कृत्स्न-सम्पूर्ण (अखण्डित)। सासियाओ-स्वाश्रया-जिनकी योनि नष्ट न हुई हो। चूर्णिकार के अनुसार जो प्ररोहण में-उगने में समर्थ हों। अतिरिच्छछिन्नाओ-केला आदि कई फलों की तरह कई बीज वाली लम्बी फलियाँ तिरछी कटी हुई न हो। तरुणियं-तरुणी-अपरिपक्व कच्ची। छिवाडी-मूंग आदि की फली। अभज्जियं-अभग्नइसके तीन अर्थ होते हैं-(१) बिना कूटा हुआ, (२) बिना पीसा हुआ अथवा बिना दला हुआ, (३) अग्नि में पूँजा हुआ या सेंका हुआ न हो। पिहुयं-नये-नये ताजे गेहूँ, मक्का, धान आदि को अग्नि में सेंककर पोख, होले आदि बनाते हैं, उसे 'पृथुक' कहते हैं। ‘मंथु' का अर्थ वृत्तिकार ने गेहूँ आदि का चूर्ण किया है। दशवकालिक (५/९८) में भी ‘बेर' का चूर्ण तथा जिनदासचूर्णि के अनुसार बेर, जौ आदि का चूर्ण अर्थ किया गया है। ___Technical Terms : Kasinao (kritsna)-whole or unbroken. Sasiyao (svashrayah)--that whose reproductive organ is not destroyed. According to the commentator (Churni) it means that which is not capable of germinating. Atiricchachhinnao-longer pods, like that of a banana, that have not been laterally pierced or slit. Taruniyam (taruni)-unripe or fresh. Chhivadi-beans of green gram and other
pulses. Abhajjiyam (abhagna)—it has three meanings—(1) not __pounded, (2) not broken or ground, and (3) not toasted or roasted in
fire. Pihuyam (prithuk)—fresh beans or pods of wheat, corn, paddy mildly roasted in fire. Manthu---flour of wheat or other grains according to Vritti. Dashavaikalika (5/98) interprets it as powder of dried berries. Jinadas Churni interprets it as powder of dried berries and barley.
अन्यतीर्थिक-गृहस्थ के साथ गमन का निषेध ___४. से भिक्खू वा २ गाहावइकुलं जाव पविसित्तु कामे णो अण्णउत्थिएण वा गारथिएण वा परिहारिओ अपरिहारिएण सद्धिं गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसिज्ज वा णिक्खमिज्ज वा। आचारांग सूत्र (भाग २)
( १४ )
Acharanga Sutra (Part 2)
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