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मृत्यु का दुःख प्राप्त हो। किसी जीव की हिंसा का अनुमोदन या प्रेरणा देने वाली हो। किसी भी विषय में बोलने से पहले उसके परिणाम को तौलना चाहिए। किसी जीव की विराधना उसके बोलने से होती है तो वैसी भाषा साधु को नहीं बोलनी चाहिए। इन सोलह सूत्रों (१९२-२०७) में सावद्य तथा जीव-हिंसानुमोदिनी भाषा बोलने का निषेध और निरवद्य तथा किसी को अप्रिय नहीं लगे ऐसी भाषा बोलने का विधान है।
Elaboration-An ascetic is a disciplined person and observes the vow of ahimsa. Unlike common man he is supposed to avoid use of a language that may inspire others to indulge in violence and sin or cause pain, terror or death to beings. It is not proper for him to use language that inspires or supports violence. Before uttering about anything the consequences should be considered. If there is a chance of a being getting harmed due to his speech then the ascetic should never use such language. In these sixteen aphorisms (192-207) there is censure of language that supports violence and advice to use language that is benign and not offending to anyone.
विशेष शब्दों के अर्थ 'गंडी' के दो अर्थ बताये गये हैं-गण्ड (कण्ठ) माला के रोग से ग्रस्त अथवा जिसके पैर और पिण्डलियों में शून्यता आ गई हो। तेयंसी-शौर्यवान। वच्चंसी-दीप्तिमान। पासादियं-प्रसन्नता उत्पन्न करने वाला। उवक्खडियं-मसाले आदि देकर संस्कारयुक्त पकाया हुआ भोजन। भई-प्रधान-मुख्य। ऊसढं-उत्कृष्ट या वर्ण, गन्धादि से युक्त। पमेइले-गाढ़ी चर्बी (मेद) वाला। वज्झ-वध्य या बहने योग्य। गोरहगा-हल में जोतने योग्य। वाहिमा-हल, धुरा आदि वहन करने में समर्थ। उदगदोणिजोग्गा-जल का कुण्ड बनाने योग्य। चंगबेर-काष्ठमयी पात्री या बर्तन। णंगल-हल। कुलियं-खेत में घास काटने का छोटा काष्ठ का उपकरण। जंतलट्टी-कोल्हू या कोल्हू का लट्ट। णाभि-गाड़ी के पहिए का मध्य भाग। गंडी-गंडिक अहरन या काष्ठफलक। विडिमसाला-जिनमें प्रशाखाएँ फूट गई हैं। पायखज्जाई-पराल आदि में कृत्रिम ढंग से पकाकर खाने योग्य। वेलोइयाई-अत्यन्त पकने से तोड़ लेने योग्य। टालाइं-कोमल फल, जिनमें गुठली न आई हो। वेहियाइं-दो टुकड़े करने योग्य, वेध्य। नीलियाओ-हरी, कच्ची या अपक्व। छवीयाफलियाँ, छीमियाँ। लाइमा-लाई या मुडी आदि बनाने योग्य अथवा काटने योग्य। भज्जिमापूँजने-सेंकने योग्य। बहुखज्जा (पहुखज्जा)-चिवडा बनाकर खाने योग्य। (वृत्ति-पत्रांक ३९० तथा पाइय-सह-महण्णवो)
Technical Terms : Gandi-tumors in neck; also numbness in legs. Teyansi-valorous. Vachchansi-radiant. Pasadiyam-that which invokes joy. Uvakkhadiyam--food that is properly cooked with condiments and other things. Bhaddam-chief; main. Usadhamभाषाजात : चतुर्थ अध्ययन
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Bhashajata : Fourth Chapter
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