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(3) He should sleep carefully in the bed.
(4) While sleeping he should avoid touching hands, feet and body of other ascetics with his own hands, feet and body. The commentator (Vritti) informs that an ascetic should sleep at least one cubit away from another ascetic.
(5) While sleeping or sitting in bed and breathing, coughing, sneezing, yawning, belching or breaking wind, he should properly cover the involved part of the body with hands. ___ विशेष शब्दों के अर्थ-आएसेण-पाहुना, अभ्यागत अतिथि, साधु। आसाएज्जा-संघट्टा करे, स्पर्श करे या टकराए। जंभायमाणे-उबासी-जम्हाई लेते हुए। उड्डोए-डकार लेते समय। वातणिसग्गे-अधोवायु छोड़ते समय। आसयं-आस्य-मुख। पोसयं-मलद्वार-गुदा। (पाइय सद्द महण्णवो)
_Technical Terms : Ayesena-guest; ascetic. Asayejja-to touch; to si collide. Jambhayamane-while yawing. Uddoye-while belching.
Vatanisagge-while breaking wind. Asyayam-mouth. Posayamanus. (Paia Sadda Mahannavo)
सम-विषम शय्या में समभाव
१२६. से भिक्खू वा २ समा वेगया सेज्जा भवेज्जा, विसमा वेगया सेज्जा भवेज्जा, पवाया वेगया सेज्जा भवेज्जा, णिवाया वेगया सेज्जा भवेज्जा, ससरक्खा वेगया सेज्जा भवेज्जा, अप्पससरक्खा वेगया सेज्जा भवेज्जा, सदंसमसगा वेगया सेज्जा भवेज्जा, अप्पदंसमसगा वेगया सेज्जा भवेज्जा, सपरिसाडा वेगया सेज्जा भवेज्जा, अपरिसाडा वेगया सेज्जा भवेज्जा, सउवसग्गा वेगया सेज्जा भवेज्जा, णिरुवसग्गा वेगया सेज्जा भवेज्जा, तहप्पगाराइं सेज्जाहिं संविज्जमाणाहिं पग्गहियतरागं विहारं विहरेज्जा। णो किंचि वि गिलाएज्जा।
एयं खलु तस्स भिक्खुस्स वा भिक्षुणीए वा सामग्गियं सदा जएज्जासि। -त्ति बेमि।
॥ तइओ उद्देसओ सम्पत्तो ॥
॥ बीयं अज्झयणं सम्मत्तं ॥ अ आचारांग सूत्र (भाग २)
( २२४ )
Acharanga Sutra (Part 2)
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